iGrain India - जयपुर । बेहतर उत्पादन, मंडियों में भरपूर आवक तथा भाव नरम होने से मिलर्स द्वारा इस बार सरसों की अच्छी खरीद एवं क्रशिंग की जा रही है लेकिन सरसों तेल एवं मील का दाम घटने से क्रशिंग की गति अपेक्षाकृत धीमी है।
जयपुर (राजस्थान) के चांदपोल की अनाज मंडी में अवस्थित विश्वसनीय फर्म- मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर के अनुसार 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के शुरूआती चार महीनों में यानी मार्च-जून 2023 के दौरान देश में कुल करीब 27 लाख टन सरसों की क्रशिंग हुई।
इसके तहत मार्च में 11 लाख टन, अप्रैल में 9 लाख टन, मई में 8 लाख टन तथा जून में 9 लाख टन की क्रशिंग होने का अनुमान है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान प्रमुख मंडियों में 55.50 लाख टन सरसों की आवक हुई। इसके तहत मार्च में 16 लाख टन, अप्रैल में 17.50 लाख टन, मई में 11.50 लाख टन तथा जून में 10.50 लाख टन की आपूर्ति दर्ज की गई।
इस अवधि के दौरान राजस्थान की मंडियों में 23 लाख टन, मध्य प्रदेश में 6.15 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 4.50 लाख टन, गुजरात में 2.80 लाख टन, पंजाब-हरियाणा में 2.35 लाख टन एवं बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 7.20 लाख टन सरसों पहुंची जबकि नैफेड द्वारा अलग से 9.50 लाख टन सरसों की खरीद की गई जो सरकारी क्रय केन्द्रों पर पहुंची थी।
मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनुसार 1 मार्च 2023 को आधार मानकर देश में 112 लाख टन सरसों की उपलब्धता आंकी गई जिसमें से जून के 55.50 लाख टन की आपूर्ति हो गई और 1 जुलाई 2023 को किसानों के पास 56.50 लाख टन का स्टॉक रह गया।
इसी तरह मंडियों एवं सरकारी क्रय केन्द्रों पर जो 55.50 लाख टन सरसों पहंची उसमें से 9.50 लाख टन की खरीद नैफेड द्वारा तथा शेष 46 लाख टन की खरीद उद्यमियों- व्यापारियों द्वारा की गई। नैफेड की सरसों की बिक्री अभी शुरू नहीं हुई है।
इधर उद्योग-व्यापार क्षेत्र के पास जो 46 लाख टन सरसों का स्टॉक था उसमें से 37 लाख टन की क्रशिंग हो गई और स्टॉकिस्टों एवं प्रोसेसर्स के पास 9 लाख टन का स्टॉक बच गया।
इस तरह 1 जुलाई 2023 को देश में कुल 75 लाख टन सरसों का अधिशेष स्टॉक मौजूद था जिसमें से किसानों के पास 56.50 लाख टन, नैफेड के पास 9.50 लाख टन एवं प्रोसेसर्स- स्टॉकिस्ट के पास 9 लाख टन का स्टॉक शामिल था।
हालांकि नैफेड द्वारा किसानों से न्यूतनम समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़ाए जाने से सरसों के थोक मंडी भाव में कुछ सुधार आने के संकेत मिले हैं लेकिन फिर भी अधिकांश मंडियों में यह न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपए प्रति क्विंटल से काफी नीचे है।
2022-23 के रबी सीजन में 113 लाख टन सरसों के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया गया जबकि 6 लाख टन का पुराना स्टॉक था। इसमें से 7 लाख टन सरसों की आवक फरवरी में हो गई।