iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । चालू सप्ताह के पहले दिन देश के विभिन्न भागों में मूसलाधार बारिश हुई जिसमें पश्चिमी एवं पूर्वी तट, पश्चिमोत्तर क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्य एवं पश्चिमी भारत के अनेक इलाके शामिल हैं।
कई क्षेत्रों में दूसरे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। लेकिन दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र एवं मध्यवर्ती भाग में बारिश कम या नगण्य हुई। अब मौसम विभाग ने केरल के दो जिलों में अगले 4-5 दिनों के दौरान प्रचंड मूसलाधार बारिश होने का रेड अलर्ट जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि अभी दक्षिण-पश्चिम मानसून को अरब सागर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी से भी प्रचुर नमी प्राप्त हो रही है जिससे इसकी सघनता एवं गतिशीलता अच्छी देखी जा रही है।
हाल के दिनों में हुई जोरदार बारिश के कारण राष्ट्रीय स्तर पर इसकी कमी घटकर 9 प्रतिशत के करीब आ गई है।
लेकिन महाराष्ट्र के मराठवाड़ा संभाग में सामान्य औसत के मुकाबले वर्षा की कमी 60 प्रतिशत से भी ज्यादा बनी हुई है जो गंभीर चिंता का विषय है। इसके आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश कम हुई है अगर वहां स्थिति मराठवाड़ा से कुछ अच्छी है।
4 जुलाई की सुबह तक पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों एवं सिक्किम, आसाम, मेघालय, कोंकण, गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी से लेकर बहुत भारी वर्षा हुई।
इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मैदानी भाग, सौराष्ट्र, कच्छ, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक तथा उड़ीसा में भारी वर्षा दर्ज की गई।
4 जुलाई की शाम तक तटवर्ती क्षेत्रों का माहौल लगभग सामान्य हो गया और उसका ट्रफ दक्षिणी गुजरात से आगे बढ़ते हुए केरल में पहुंच गया जिससे मानसून की सक्रियता बढ़ने का संकेत मिलता है।
इसे पूर्वी-पश्चिमी जोन के टर्बुलेंस का सहारा भी मिल रहा है जो ऊंचे स्तर पर कर्नाटक के हुबली एवं बेल्लारी से होते हुए आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तक फैला हुआ है।
उत्तरी दिशा की ओर जमीन पर आधारित मानसूनी ट्रफ राजस्थान के गंगानगर से होते हुए दिल्ली, अलीगढ़, हमीरपुर, प्रयागराज, डाल्टेन गंज (झारखंड) तथा बालासोर (उड़ीसा) तक फैल गया है। उत्तर प्रदेश के मध्यवर्ती भाग के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है जिससे कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है।