iGrain India - कोच्चि । नारियल तेल के घरेलू बाजार भाव में कई कारणों से नरमी का माहौल देखा जा रहा है। एक तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रमुख खाद्य तेलों का दाम हाल के महीनों में काफी घट गया है और दूसरे, घरेलू बाजार में नारियल तेल की मांग कमजोर पड़ गई है।
इसके अलावा देश में बेहतर उत्पादन होने से इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति भी सुगम बनी हुई है।
कोचीन ऑयल मर्चेन्ट्स एसोसिएशन (कोमा) के आंकड़ों से पता चलता है कि नारियल तेल का दाम केरल में घटकर 120 रुपए प्रति किलो तथा तमिलनाडु में गिरकर 103.50 रुपए प्रति किलो पर आ गया है।
इसी तरह वहां कोपरा का मूल्य भी घटकर क्रमश: 76 रुपए प्रति किलो तथा 71 रुपए प्रति किलो रह गया है। कोमा के निदेशक का कहना है कि प्रमुख उत्पादक इलाकों में कोपरा एवं नारियल तेल का काफी अच्छा उत्पादन हुआ है लेकिन इसकी मांग सुस्त बनी हुई है।
उत्तरी भारत में इसकी ज्यादा मांग नहीं है क्योंकि उपभोक्ता अन्य सस्ते खाद्य तेल के उपयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। केरल के उत्पादकों को अब ओणम पर्व से काफी उम्मीद है।
यह पर्व अगले महीने यानी अगस्त में मनाया जाएगा और उस समय नारियल तेल की मांग, खपत एवं कीमत में सुधार आने के आसार हैं। वैसे इस बार उत्पादन ज्यादा होने से नारियल तेल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होना मुश्किल लगता है।
तमिलनाडु के उत्पादक काफी आक्रामक ढंग से नारियल और कोपरा की बिक्री कर रहे हैं। वे केरल में इसे काफी नीचे दाम पर बेच रहे हैं जिससे वहां भी कीमतों में नरमी आ गई है।
नारियल तेल के नए-नए ब्रांडों से बाजार अटा पड़ा है जिससे केरल के उत्पादकों की कठिनाई बढ़ गई है। नई कंपनियां काफी सस्ते दाम पर नारियल तेल की बिक्री कर रही हैं क्योंकि उसमें प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है।
उद्योग समीक्षकों का कहना है कि चालू माह के दौरान कोपरा एवं नारियल तेल बाजार में भाव नरम रह सकता है लेकिन अगले महीने कुछ सुधरने की उम्मीद है।