iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा आज यानी 5 जुलाई 2023 को देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों का एक राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित किया जा रहा है जिसमें 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान मोटे अनाजों की खरीद के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाएगी।
1 अक्टूबर 2023 से नया खरीफ मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा। इसके अलावा इस सम्मेलन में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा चीनी और एथनॉल के बारे में भी विस्तार से चर्चा होगी।
खाद्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस सम्मेलन में विचार-विमर्श के लिए जो अन्य एजेंडा चुना गया है उसमें "स्मार्ट-पीडीएस" का क्रियान्वयन, आपूर्ति श्रृंखला का विकास-विस्तार, क्रय केन्द्रों पर जिंसों की ग्रेडिंग तथा उचित दर की दुकानों का ट्रांसफोर्मेशन आदि भी शामिल है।
यह सम्मलेन देश में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के इकोसिस्टम का कायाकल्प करने का लक्ष्य हासिल करने के अवसरों एवं उसकी चुनौतियों पर गंभीर परिचर्चा का एक बेहतरीन मंच साबित होगा और 2023-24 के लिए रोड मैप तैयार करेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले नौ वर्षों के दौरान खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा ऐसे अनेक कदम उठाए गए हैं ताकि समाज के गरीब एवं वंचित वर्ग को सही समय पर लक्षित रूप से खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 1 जनवरी 2023 से ही लागू है जिससे देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति माह मुफ्त में अनाज प्रदान किया जा रहा है। पीडीएस में आगे और प्रगति तथा सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार अब नया प्रयास आरंभ करने का प्लान बना रही है।
ज्वार, बाजरा एवं रागी जैसे मोटे अनाजों की खरीद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केन्द्र ने अधिशेष उत्पादन करने वाले राज्यों को अभाव ग्रस्त राज्यों में इसे भेजने की अनुमति प्रदान की है बशर्ते वहां इसकी अच्छी मांग हो। मालूम हो कि पहले राज्यों को किसानों से मोटे अनाजों की खरीद करके सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इसकी आपूर्ति करने की स्वीकृति दी गई थी मगर अब वे दूसरे प्रांतों को भी इसकी बिक्री कर सकते हैं।