iGrain India - मुम्बई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में दो सहकारी बैंकों का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसमें एक बैंक बुलढाणा में तथा दूसरा बैंक नियामिता (बंगलोर) में अवस्थित है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी दो अलग-अलग बयानों में कहा गया है कि 5 जुलाई को कारोबार की समाप्ति के बाद इन दोनों बैंकों का बैंकिंग व्यवसाय बंद कर दिया।
इन बैंकों के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही कमाई का कोई परिदृश्य / इसकी वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए लगता है कि वे अपने जमाकर्ता ग्राहकों को पूरा भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पाएंगे और इसलिए उन्हें आगे व्यवसाय जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
तरलता (मुद्रा प्रवाह) के बारे में कहा गया है कि प्रत्येक जामकर्ता को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीई) से 5 लाख रुपए तक उसकी जमा राशि के सापेक्ष जमा बीमा दावा प्राप्त करने का हक है लेकिन बुलढाणा के सहकारी बैंक ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं उससे पता चलता है कि 97.60 प्रतिशत जमाकर्ता उक्त निगम से अपनी जमा राशि का पूर्ण भुगतान प्राप्त करने में सक्षम हो पायेंगे।
यह निगम कुल बीमित जमा में 496.98 करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही कर चुका है।
बंगलोर (नियामिता) सहकारी बैंक के बारे में आरबीआई ने कहा है कि वहां 91.92 प्रतिशत जमाकर्ता निगम से अपनी जमा राशि का पूर्ण भुगतान प्राप्त करने के हकदार हैं और 31 मई 2023 तक निगम द्वारा कुल बीमित जमा के 54.16 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस तरह जमाकर्ताओं को कोई नुकसान पहुंचाये बगैर इन दोनों सहकारी बैंकों को बंद करने के लिए कहा गया है।