iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । मानसून की सक्रियता बढ़ने से वर्षा की कमी का स्तर घट गया है लेकिन फिर भी देश के कुछ भागों में बारिश का अभाव महसूस किया जा रहा है।
इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र और खासकर गुजरात में अगले दो-तीन दिनों तक भारी वर्षा का दौर जारी रह सकता है।
उधर दक्षिणी प्रायद्वीप में भी बारिश होती रहेगी। इसी तरह कोंकण, गोवा एवं समीपवर्ती घाट एरिया में तीन-चार दिनों तक वर्षा का दौर बरकरार रहने की संभावना है।
मानसून का एक ट्रफ अपनी सामान्य पोजीशन से कुछ दक्षिणी भाग में अवस्थित है जिससे इसकी सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है। उधर पूर्व-पश्चिम की एक साझीदार क्षेत्र उत्तर की ओर बढ़कर कोंकण और गोवा के नजदीक पहुंच गया है।
तटवर्ती ट्रफ दक्षिणी गुजरात से उत्तरी केरल तक फैला हुआ है।
इसके अलावा अरब सागर के पूर्वोत्तर भाग और इससे सटे गुजरात के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी मौजूद है।
राष्ट्रीय स्तर पर वर्षा की कमी घटकर 7 प्रतिशत पर आ गई है लेकिन इसका वितरण असमान बना हुआ है जिससे कुछ इलाकों में बारिश का भारी अभाव महसूस किया जा रहा है तो कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश एवं स्थानीय स्तर के बाद से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और खरीफ फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है।
पश्चिमोत्तर भारत में सामान्य से 37 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा की सर्वाधिक 32 प्रतिशत कमी बनी हुई है जबकि पूर्वोत्तर भारत में 17 प्रतिशत एवं मध्यवर्ती राज्यों में 6 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
यूरोपीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के अनुसार 9 जुलाई तक पश्चिमी तट, गुजरात एवं पश्चिमोत्तर भारत में भारी से अत्यन्त भारी बारिश हो सकती है।
सबसे प्रचंड वर्षा गुजरात, उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में होने की संभावना है जबकि दक्षिण-पश्चिम राजस्थान, जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में उससे कुछ कम तीव्रता की बारिश हो सकती है।