iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके खाद्य तेल निर्माताओं के लिए खाद्य तेल में मिश्रण के प्रतिशत अंश का विवरण स्पष्ट रूप से देना अनिवार्य बना दिया है।
खासकर यदि अनेक स्रोतों से खाद्य तेल प्राप्त किया जाता है तो उसमें मिश्रण के प्रतिशत अंश का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। नवीनतम अधिसूचना के अनुसार ये नए नियम केवल ऐसे मामले में लागू होंगे जिसके तहत अनेक स्रोतों से खाद्य तेल की प्रोसेसिंग के दौरान स्वीकृत खाद्य श्रेणी के वनस्पति तेलों का मिश्रण किया जाता है।
5 जुलाई को गजट (राजपत्र) में यह अधिसूचना जारी हुई थी। इन नियमों को 'मल्टी सोर्स एडिबल ऑयल्स ग्रेडिंग एंड मार्किंग रूल्स 2023' के नाम से जाना जाएगा।
इससे पूर्व 'ब्लेंडेड एडिबल वैजिटेबल ऑयल्स (ग्रेडिंग एंड मार्किंग रूल्स, 1991 लागू था जबकि नया नियम उसका स्थान लेगा। यह नया नियम 'कृषि उत्पाद (ग्रेडिंग एवं मार्किंग) अधिनियम, 1937 के तहत अधिसूचित किया गया है।
मिश्रित (ब्लेंडेड) खाद्य तेलों पर दिशा निर्देश देते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि कंपनियों को पैकिंग पर ब्रांड का नाम लिखने के बाद स्पष्ट रूप से यह लिखना पड़ेगा कि यह एक "बहु-स्रोत खाद्य तेल" है।
अगली पंक्ति में मिश्रण की मात्रा का वर्णन होना चाहिए, खाद्य तेलों के नाम एवं उसकी मात्रा का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए और यह जिक्र भी होना चाहिए कि वह मिश्रण वाला तेल क्रूड रूप में है या रिफाइंड रूप में।
दरअसल एक खाद्य तेल में अक्सर कई खाद्य तेलों का मिश्रण किया जाता है। यह कानूनन स्वीकृत प्रक्रिया है। लेकिन उसके ब्रांड लेबल पर यह स्पष्ट नहीं लिखा होता है कि मूल खाद्य तेल में अन्य खाद्य तेलों की कितनी मात्रा (प्रतिशत रूप में) मिलाई गई है।
इससे ग्राहकों को असुविधा हो रही थी। अब कृषि मंत्रालय ने निर्माताओं से कहा है की जिस खाद्य तेल की जितना मिश्रण का मिश्रण किया जाए उसका प्रतिशत विवरण स्पष्ट अक्षरों में पैकिंग पर अंकित किया जाए।
ध्यान देने की बात है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण खाद्य उत्पादों के लिए मानक निर्धारित करता है, 'एगमार्क' के तहत कृषि मंत्रालय भी दिशानिर्देश जारी करता है जो बहुधा स्वैच्छिक होते है।
लेकिन खाद्य तेल के मामले में निर्मित नियम अनिवार्य माने जाते हैं जिसका पालन करना निर्माताओं के लिए जरुरी होता है।