iGrain India - नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष के आरंभिक दो माह के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 21 प्रतिशत तथा ग़ैर बासमती चावल के शिपमेंट में 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ जबकि चावल के सम्पूर्ण निर्यात में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भी देश में चावल का शानदार निर्यात हुआ था। बासमती चावल की मजबूत मांग के सहारे अप्रैल- मई 2023 में भारत से चावल का कुल निर्यात बढ़कर 36.70 लाख टन पर पहंच गया जबकि वर्ष 2022 के इन्हीं दो महीनों में 33.60 लाख टन रहा था।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान बासमती चावल का निर्यात 6.85 लाख टन से बढ़कर 8.30 लाख टन तथा गैर बासमती (सामान्य) चावल का शिपमेंट 26.70 लाख टन से सुधरकर 28.40 लाख टन पर पहुंच गया।
पश्चिम एशिया भारतीय बासमती चावल का सबसे प्रमुख बाजार है। वहां इन दो महीनों में इसका निर्यात 5.43 लाख टन से 13 प्रतिशत बढ़कर 6.15 लाख टन पर पहुंच गया।
ईरान, इराक, कुवैत, क़तर एवं संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में बासमती चावल की मांग काफी मजबूत बनी हुई है लेकिन सऊदी अरब एवं यमन जैसे देशों में इसका निर्यात घट गया।
पश्चिम एशिया में बासमती चावल की निर्यात आय गत वर्ष के 54.50 करोड़ डॉलर से 22 प्रतिशत बढ़कर इस वर्ष अप्रैल-मई में 66.50 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।
यूरोपीय तथा अन्य एशियाई देशों में भी बासमती चावल के निर्यात में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हो गई। उदहारण स्वरुप यूरोपीय संघ में इसका निर्यात गत वर्ष के 16,407 टन से 154 प्रतिशत उछलकर इस बार 41,644 टन पर पहुंचा। वहां हॉलैंड, जर्मनी, इटली तथा बेल्जियम जैसे देशों में इसकी अच्छी मांग रही।
यूरोपीय संघ में बासमती चावल के निर्यात से प्राप्त आमदनी भी 177.40 लाख डॉलर से 196 प्रतिशत उछलकर 526.10 लाख डॉलर पर पहुंच गई।
एशिया में बांग्ला देश, भूटान एवं नेपाल जैसे देशों ने बासमती चावल की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाई जिससे इसका निर्यात 7 हजार टन से बढ़कर 15,339 टन पर पहुंच गया। कुछ अन्य देशों द्वारा भी इसकी थोड़ी-बहुत खरीद की गई।
जहां तक सामान्य चावल का सवाल है तो अफ्रीकी देशों में इसका निर्यात 15.49 लाख टन से बढ़कर 20.96 लाख टन पर पहुंच गया जबकि पश्चिम एशिया में 1.77 लाख टन से सुधरकर 2.20 लाख टन पर पहुंचा। कुछ नियंत्रणों एवं चुनौतियों के बावजूद भारत से चावल का निर्यात प्रदर्शन बेहतर बना हुआ है।