iGrain India - जयपुर । दलहन-तिलहन की खरीद के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की अधिकृत एजेंसी- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सरकारी विपणन महासंघ (नैफेड) ने वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान राजस्थान में सरसों खरीद की अवधि 15 जुलाई तक बढ़ा दी है।
राजस्थान देश में सरसों का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है और वहां लगभग सभी प्रमुख मंडियों में रबी सीजन की इस सर्वाधिक महत्वपूर्ण तिलहन फसल का भाव सरकार द्वारा घोषित 5450 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चल रहा है।
एक अग्रणी व्यापारी का कहना है कि मंडियों में सरसों की आपूर्ति का प्रेशर कुछ कम हुआ है और अगर ऐसे समय में सरकारी खरीद जारी रहती है तो कीमतों में कुछ सुधार आ सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन में नैफेड द्वारा अब तक राष्ट्रीय स्तर 4.20 लाख से कुछ अधिक उत्पादकों से 5558.15 करोड़ रुपए मूल्य की लगभग 10.20 लाख टन (10,19,845 टन) सरसों की खरीद की जा चुकी है।
यह खरीद 5450 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई। इसके तहत राजस्थान में 2133.72 करोड़ रुपए मूल्य की 3,91,508.23 टन सरसों की खरीद हुई है जबकि खरीद की प्रक्रिया जारी रहने से इसमें आगे और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
इसके अलावा नैफेड द्वारा हरियाणा में 3,47,105 टन सरसों की खरीद हुई जिसकी कीमत 1891.72 करोड़ रुपए रही। गुजरात में 459.74 करोड़ रुपए मूल्य की 84355.32 टन, मध्य प्रदेश में 913.37 करोड़ रुपए की 1,67,591.09 टन तथा उत्तर प्रदेश में 157.82 करोड़ रुपए मूल्य की 28,958.16 टन सरसों की खरीद की गई।
इनमें से अधिकांश राज्यों में सरसों की खरीद की प्रक्रिया बंद हो चुकी लेकिन राजस्थान में जारी है। राजस्थान की प्रमुख थोक मंडियों में सरसों के दाम में हाल के दिनों में कुछ सुधार हुआ है लेकिन अभी तक यह समर्थन मूल्य से नीचे ही है।
उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही वहां इसकी सरकारी खरीद बढ़कर 4 लाख टन से ऊपर पहुंच जाएगी क्योंकि कमजोर मंडी भाव से चिंतित परेशान किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नैफेड को अपना स्टॉक बेचने में अच्छी दिलचस्पी दिखा सकते हैं।