iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने राज्यों को कल्याणकारी योजनाओं से इतर अन्य उद्देश्यों के लिए चना दाल की आपूर्ति शुरू करने का निश्चय किया है।
इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महसंघ (नैफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा केन्द्रीय भंडार के लगभग 705 रिटेल आउटलेट्स के साथ-साथ 'सफल' के लिए भी चना दाल की आपूर्ति की जाएगी।
इसका उद्देश्य तुवर दाल एवं उड़द दाल पर दबाव घटाना है जिसका स्टॉक कम होने से भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है। इसके अलावा सरकार ने अपने स्टॉक से 50 हजार टन तुवर को बाजार में उतारने की घोषणा भी की है।
सरकार ने उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा खुदरा बिक्री के लिए चना (साबुत) के स्टॉक के 20 प्रतिशत भाग की प्रोसेसिंग करके चना दाल का निर्माण करने के लिए रखे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इससे घरेलू प्रभाग में ऐसे समय में दालों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी जब वहां तुवर दाल का अभाव महसूस किया जा रहा है।
जून में ही सरकार ने इस तरह की योजना बनाई थी। चूंकि बफर स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में चना उपलब्ध है इसलिए इसके 20 प्रतिशत भाग की मिलिंग करके चना दाल की आपूर्ति बढ़ाने में कोई समस्या नहीं होगी।
खुदरा बाजार में इसकी आपूर्ति बढ़ने पर तुवर दाल की मांग एवं खपत में कुछ कमी आने की संभावना बन सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस चना दाल की पैकिंग 1 किलो एवं 30 किलो के पैक में हो सकती है और इसका दाम 55 से 60 रुपए प्रति किलो के बीच किया जा सकता है।
समझा जाता है कि शुरूआती तीन महीनों के लिए एक लाख टन चना दाल की आपूर्ति का आरंभिक लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा जिससे अन्य दालों की खपत एवं कीमत पर असर पड़ेगा।
इस प्रक्रिया की सफलता के बाद 20 प्रतिशत चना की कुल मात्रा की मिलिंग अगले छह माह के दौरान करवाने में आसानी होगी। वर्तमान समय में सरकार के पास करीब 37-38 लाख टन चना का विशाल स्टॉक मौजूद है जबकि बफर नियमों के तहत 10 लाख टन का ही स्टॉक होना चाहिए।
दूसरी ओर तुवर का स्टॉक 1.26 लाख टन के करीब है जो न्यूनतम बफर मात्रा 1.00 लाख टन से कुछ ही अधिक है। तुवर एवं उड़द की बिजाई अभी जारी है।