iGrain India - जयपुर । देश के पश्चिमी प्रान्त- राजस्थान में 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान न्यूतनम समर्थन मूल्य पर किसानों से 10 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था और इसके लिए भारतीय खाद्य निगम, राजफेड, तिलम संघ तथा एक अन्य एजेंसी ने पूरी तैयारी भी कर ली थी। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद इसकी कुल खरीद 4.37 लाख टन तक ही पहुंच सकी।
उल्लेखनीय है कि 2022 के रबी मार्केटिंग सीजन में राजस्थान में सिर्फ 10 हजार टन गेहूं की सरकारी खरीद संभव हो पाई थी। चालू वर्ष की कुल 4.37 लाख टन की खरीद में से गंगानगर मंडल में ही करीब 4.03 लाख टन गेहूं की खरीद हो गई जिससे स्पष्ट पता चलता है कि राज्य के अन्य भागों में किसानों ने सरकारी एजेंसियों को अपना गेहूं बेचने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई।
ध्यान देने की बात है कि केन्द्र सरकार के सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) वाले गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022 के 2015 रुपए प्रति क्विंटल से 110 रुपए बढ़ाकर 2023 के सीजन हेतु 2125 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया था लेकिन चमकहीन एवं हल्की क्वालिटी वाले गेहूं के समर्थन कर दी थी। समझा जाता है कि राजस्थान में इस बार हल्की क्वालिटी वाले गेहूं की खरीद ही ज्यादा हुई है।
हालांकि इस वर्ष श्री गंगानगर- हनुमानगढ़ जिले में गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ लेकिन बेमौसमी वर्षा एवं ओलावृष्टि कुछ क्षेत्रों में इसकी क्वालिटी खराब हो गई।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान श्री गंगानगर जिले में करीब 2.06 लाख टन तथा हनुमान गढ़ जिले में 1.97 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई जबकि समूचे राजस्थान में कुल 4,37,736 टन गेहूं सरकारी एजेंसियों द्वारा किया गया।
गेहूं की खरीद प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। दरअसल फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारियों ने समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदना शुरू कर दिया था जिससे किसानों का रुझान कमजोर पड़ गया।