iGrain India - नई दिल्ली । पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक राज्यों- सिक्किम, मेघालय एवं आसाम में इस वर्ष मौसम एवं वर्षा की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से बड़ी (काली) इलायची के उत्पादन में काफी गिरावट आने की आशंका है।
नई फसल की तुड़ाई-तैयारी में भी देर होने की संभावना है। सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- सिक्किम के गंगटोक स्थित नीलामी केन्द्रों में माल की बहुत कम आवक हो रही है।
काली इलायची की आपूर्ति का अभी ऑफ सीजन चल रहा है। इससे इसमें मजबूती का माहौल बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि काली इलायची फसल की तुड़ाई-तैयारी तीन-चार चरणों में होती है।
इसमें प्रथम एवं दूसरा चरण काफी महत्वपूर्ण होता है। मोटे अनुमान के अनुसार इस बार प्रथम चरण की तुड़ाई के दौरान काली इलायची का उत्पादन सामान्य स्तर की तुलना में महज 30-40 प्रतिशत पर सिमट सकता है।
एक अन्य संभावना यह है कि उत्पादन में भारी कमी की आशंका को देखते हुए उत्पादक क्षेत्रों में किसानों, छोटे व्यापारियों एवं बड़े स्टॉकिस्टों में इसका स्टॉक दबाकर रखने की प्रवृत्ती बढ़ जाए।
यदि ऐसा हुआ तो आगामी महीनों के दौरान काली इलायची के दाम में अच्छी तेजी आ सकती है। उधर नेपाल में भी काली इलायची का उत्पादन कम होने की खबर आ रही है जिससे भारत में इसका आयात प्रभावित हो सकता है। इससे भी कीमतों में वृद्धि की संभावना बन सकती है।
समझा जाता है कि आमतौर पर अगस्त से उपलब्ध होने वाली काली इलायची का नया माल इस बार अक्टूबर के अंत में आना शुरू हो सकता है। इस तरह नए माल की आपूर्ति आरंभ होने या जोर पकड़ने में लगभग ढाई माह की देर हो सकती है जबकि इस बीच त्यौहारी मांग के कारण बाजार में तेजी का माहौल बन सकता है।
व्यापार विश्लेषकों द्वारा नए मार्केटिंग सीजन के आरंभ यानी अगस्त 2023 में काली इलायची का स्टॉक बनाने का सुझाव दिया जा रहा है। उनका कहना है कि अपनी आवश्यकता के अनुरूप यदि कारोबारी वर्तमान मूल्य स्तर पर काली इलायची का स्टॉक जमा करते हैं तो आगामी महीनों में उन्हें अच्छी कमाई हो सकती है।
ऐसा प्रतीत होता है कि इस मसाला जिंस की कीमतों में आगे तेजी-मजबूती के लिए परिस्थितयां काफी हद तक अनुकूल रह सकती हैं।