iGrain India - नई दिल्ली । मसूर के दो सबसे प्रमुख निर्यातक देश- कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया में जब नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होगा तब लाल मसूर का पिछला बकाया स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका होगा।
2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान कनाडा में बकाया स्टॉक, उत्पादन एवं आयात के साथ लाल मसूर की कुल उपलब्धता करीब 24 लाख टन की आंकी गई जिसमें से जून 2023 के अंत तक लगभग 21 लाख टन की खपत हो चुकी थी और 1 जुलाई को वहां 3 लाख टन का बकाया स्टॉक मौजूद था।
चूंकि अगली फसल करीब डेढ़ माह बाद आएगी इसलिए बीच की अवधि में कनाडा से निर्यात एवं घरेलू खपत की पूर्ति में इसके अधिकांश भाग का उपयोग हो जाएगा और नई फसल के आने तक इसका अधिशेष स्टॉक बहुत कम या नगण्य बचेगा।
कनाडा के प्रमुख उत्पादक इलाकों में वर्षा का अभाव होने से सूखे जैसा माहौल बना हुआ है जिसे देखते हुए उत्पादकों ने अगली नई फसल की अग्रिम बिक्री का सौदा (अनुबंध) करने की गति धीमी कर दी है।
2023-24 सीजन के दौरान कनाडा में लाल मसूर का उत्पादन घटकर 9.50 लाख टन के आसपास सिमटने का अनुमान लगाया जा रहा है। नगण्य बकाया स्टॉक एवं कमजोर उत्पादन को देखते हुए वहां लाल मसूर का कारोबार सीमित हो सकता है और उत्पादक अपना स्टॉक रोकने का प्रयास कर सकते हैं।
जहां तक ऑस्ट्रेलिया का सवाल है तो वहां 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में लाल मसूर की कुल उपलब्धता बढ़कर 17 लाख टन पर पहुंच गई जिसमें से 14.50 लाख टन की खपत जून के अंत तक हो चुकी थी। वहां अब महज 2.50 लाख टन लाल मसूर का स्टॉक बचा हुआ है जबकि इसकी नई फसल आने में चार माह की देर है।
ऑस्ट्रेलिया में मसूर की अच्छी बिजाई हुई है। बिजाई के समय बेहतर बारिश हुई। नए मार्केटिंग सीजन के आरंभ में वहां इसका नगण्य स्टॉक बचेगा। मोटे तौर पर 2023-24 सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 14 लाख टन लाल मसूर के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है मगर बकाया स्टॉक नगण्य रह सकता है।
वहां अल नीनो मौसम चक्र का खतरा भी बना हुआ है। वैसे अभी तक इसका कोई खास प्रभाव नहीं देखा जा रहा है। कनाडा में जारी गतिविधियों से संकेत मिलता है कि लाल मसूर का बाजार अपने निचले स्तर पर पहुंच कर अब धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है।
भारत, बांग्ला देश, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान एवं नेपाल जैसे देशों को ऑस्ट्रेलिया से लाल मसूर मंगाने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि कनाडा कुछ समय तक बाजार से अनुपस्थित रह सकता है। संदेश स्पष्ट है। 2023-24 का सीजन खरीदारों का नहीं बल्कि विक्रेताओं का बाजार होगा।