iGrain India - बंगलोर । कर्नाटक में अन्न भाग्य गारंटी योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिमाह 5 किलो चावल मुफ्त में देने की घोषणा की गई थी लेकिन पर्याप्त मात्रा में चावल का इंतजाम नहीं होने से लाभार्थी को इसका नकद भुगतान शुरू किया गया है।
प्रत्येक लाभार्थी को 34 रुपए प्रति किलो की दर से 5 किलो चावल के लिए प्रतिमाह 170 रुपए का भुगतान किया जाएगा। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक चावल की पर्याप्त मात्रा का प्रबंध नहीं हो जाता है।
दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा पिछले महीने से राज्यों को चावल तथा गेहूं की बिक्री बंद किए जाने के कारण कर्नाटक में यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हालांकि राज्य सरकार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और यहां तक कि पंजाब से भी चावल मंगाने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक उसे इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।
सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों के प्रत्येक सदस्य को अपनी तरफ से मुफ्त में 5 किलो चावल देने की घोषणा की थी जबकि इतनी ही मात्रा में केन्द्र सरकार भी चावल दे रही है।
कर्नाटक में 1.28 करोड़ राशन कार्ड धारक हैं जिसे इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार के पास अभी चावल का पर्याप्त स्टॉक नहीं है और केन्द्र से भी इसका मिलना मुश्किल है इसलिए ऐसी संभावना है कि खरीफ कालीन धान की कटाई के बाद जब घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता बढ़ेगी तब राज्य सरकार इसकी खरीद का जोरदार प्रयास कर सकती है।
धान की नई फसल की कटाई-तैयारी आमतौर पर अक्टूबर में शुरू होती है जो अभी कम से कम तीन माह दूर है। नकद भुगतान से लाभार्थी को कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि केन्द्र की तरफ से उसे मुफ्त में प्रतिमाह चावल प्राप्त होता रहेगा। नकद राशि का उपयोग वे अन्य कार्यों में कर सकते हैं।