iGrain India - चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजकर राज्य में सरकारी एजेंसी द्वारा कपास की खरीद प्रक्रिया शुरू करने हेतु आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है।
इसी तरह प्रधानमंत्री से कृषि मंत्रालय को एक निर्देश देने के लिए भी अनुरोध किया गया है कि आगामी वर्षों में कपास के लिए 1 जून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को प्रभावी बनाया जाता ऐसा होने पर तमिलनाडु के कपास उत्पादकों को काफी राहत मिलेगी जो फ़िलहाल विषम परीस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों की केन्द्रीय कैबिनेट समिति ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए विभिन्न फसलों के साथ-साथ कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी।
इसके तहत कपास का एमएसपी मीडियम रेशे वाली श्रेणी के लिए बढ़ाकर 6620 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशवाली किस्मों के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जो 2022-23 सीजन क्रमश: 540 रुपए प्रति क्विंटल तथा 640 रुपए प्रति प्रति क्विंटल ज्यादा है।
तमिलनाडु में धान की कटाई के बाद कपास की खेती होती है। वहां नई फसल की जोरदार तुड़ाई-तैयारी हो रही है लेकिन बाजार भाव घटकर समर्थन मूल्य से भी नीचे आ जाने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
समझा जाता है कि कहीं-कहीं इसका दाम गिरकर 5500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ गया है। चूंकि मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर अक्टूबर में आरंभ होगा इसलिए सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को उसी समय किसानों से कपास खरीदने की अनुमति मिल सकती है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि कपास का मार्केटिंग सीजन 1 जून से शुरू हो जाए तो राज्य के किसानों को राहत मिलेगी और रूई का बाजार भाव स्थिर रखने में सहायता प्राप्त होगी।
पिछले साल रूई का बाजार भाव ऊंचा रहने से किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त हुई थी लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है।