iGrain India - विजयवाड़ा । देर से आए मानसून का आंध्र प्रदेश में कृषि उत्पादन पर कोई खास प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना नहीं है।
एक कृषि विश्वविद्यालय के कृषि बाजार सतर्कता केन्द्र (एमिक) ने चालू वर्ष के दौरान मूंगफली, चना तथा कपास (रूई) जैसे कृषि उत्पादों के बाजार भाव या तो न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास या इससे कुछ ऊपर रहने का अनुमान लगाया है जबकि धान का भाव सरकारी समर्थन मूल्य से कुछ नीचे-ऊपर रह सकता है।
सामान्य श्रेणी के धान का दाम 1975 से 2250 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह सकता है। जो इसके समर्थन मूल्य से नीचे भी है और ऊपर भी है। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में धान का अच्छा उत्पादन होता है और समर्थन मूल्य पर इसकी सरकारी खरीद भी होती है।
आंध्र प्रदेश में 'ए' ग्रेड धान का भाव सामान्य तौर पर नीचे में 2100 रुपए से लेकर ऊपर में 2325 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है।
जहां तक लालमिर्च का सवाल है तो आंध्र प्रदेश इसका प्रमुख उत्पादक राज्य माना जाता है। एमिक ने वहां चालू वर्ष के दौरान इसका भाव उत्पादक मंडियों में 16,500 से लेकर 19,500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रहने का अनुमान लगाया है जो सामान्य श्रेणी के लिए है जबकि स्पेशल वैरायटी की लालमिर्च का दाम 18,000 से 22,100 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रहने की संभावना व्यक्त की है। इसके अलावा कपास का मूल्य 5800 रुपए से लेकर 6750 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है।
एमिक की रिपोर्ट के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान आंध्र प्रदेश में 23.95 लाख हेक्टेयर में धान, 6.20 लाख हेक्टेयर में कपास, करीब 20 लाख हेक्टेयर में हल्दी तथा 7.62 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की खेती हो सकती है।
एमिक के प्रमुख का कहना है कि 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान आंध्र प्रदेश में लालमिर्च, दलहन, कपास, मूंगफली एवं मिलेट्स का भाव ऊंचा रह सकता है जिससे किसानों को अच्छी कमाई का अवसर मिलेगा।
तुवर, उड़द, मूंग, मूंगफली, कपास एवं लालमिर्च से किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी क्योंकि धान के मुकाबले इसका उत्पादन खर्च कम रहता है।