iGrain India - मुम्बई । नेशनल कॉटन ब्रोकर्स एसोसिएशन (एनसीबीए) ने 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में कुल 329.72 लाख गांठ कपास के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 312 लाख गांठ से ज्यादा है।
मालूम हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। एसोसिएशन का यह उत्पादन अनुमान जून तक मंडियों में कपास की हुई कुल आवक पर आधारित है।
एसोसिएशन के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन में अक्टूबर 2022 से जून 2023 के नौ महीनों के दौरान घरेलू मंडियों में कुल 295.65 लाख गांठ कपास की आवक हुई जो 2021-22 सीजन की इसी अवधि के दौरान हुई कुल आवक 300 लाख गांठ से कुछ कम थी।
दूसरी ओर राजकोट के एक व्यापारी का कहना है की इस बार जून के अंत तक मंडियों में करीब 290 लाख गांठ कपास की आपूर्ति हुई जबकि अगले तीन माह में यानी जुलाई-अगस्त-सितम्बर के दौरान लगभग 35 लाख गांठ की अतिरिक्त आवक होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इंडियन कॉटन एसोसिएशन ने 2022-23 सीजन के दौरान कुल 298 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान लगाया है लेकिन व्यापारिक समुदाय इससे सहमत नहीं है।
एनसीबीए का उत्पादन अनुमान भी इससे काफी ऊंचा है। उधर उत्पादक सहित अन्य विभिन्न उद्योग पक्षों के एक पैनल- कपास उत्पादन एवं उपयोग समिति (सीसीपीसी) ने सबसे ज्यादा 343.47 लाख गांठ कपास के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है।
कुछ व्यापारी तो 360 लाख गांठ तक के उत्पादन का अनुमान व्यक्त कर चुके हैं। उत्पादन का भिन्न-भिन्न अनुमान सामने आने से इस बार कपास बाजार में भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हालांकि रूई के दाम में शीर्ष स्तर के मुकाबले भारी गिरावट आ चुकी है मगर इसका निर्यात प्रदर्शन काफी कमजोर बना हुआ है। पिछले सीजन में रूई का भाव उछलकर एक समय 1.00 लाख रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) से भी ऊपर पहुंच गया था जो अब घटकर 70,000 रुपए प्रति कैंडी के आसपास आ गया है।
इसी तरह कपास का दाम भी 12,000 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर 9500 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। वर्तमान समय में रूई का दाम 56,700 रुपए प्रति कैंडी एवं कपास का भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल से कुछ ऊपर चल रहा है।