iGrain India - मास्को । रूस से आमतौर पर प्रतिमाह औसतन 28 लाख टन गेहूं का निर्यात होता है जबकि चालू माह (जुलाई 2023) के दौरान इसकी मात्रा बढ़कर 37 से 41 लाख टन के बीच पहुंच जाने की उम्मीद है।
एक अग्रणी कृषि परामर्श फर्म के अनुसार एक तो रूस में गेहूं का विशाल निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक मौजूद है और दूसरे वैश्विक बाजार की हालत भी अनुकूल बनी हुई है। इससे निर्यातकों को शिपमेंट की रफ्तार बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 11 जुलाई को रूस में गेहूं निर्यात बिक्री का बकाया स्टॉक बढ़कर 45 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले सप्ताह 22 लाख टन तथा जून के आरंभ में 11 लाख टन ही था।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण आयातक देशों में रूसी गेहूं की मांग काफी मजबूत बनी हुई है। आमतौर पर रूस का गेहूं सबसे सस्ता होता है। हालांकि यूक्रेन के निर्यात कभी-कभार इससे भी नीचे दाम का ऑफर देते हैं मगर उसके शिपमेंट में अनिश्चितता बनी रहती है इसलिए रूस से गेहूं की खरीद में आयातक विशेष दिलचस्पी दिखाते हैं।
रूस के गेहूं का भाव फिलहाल 232.50 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा है जो फ्रांसीसी गेहूं के दाम 252 डॉलर प्रति टन से 20 डॉलर प्रति टन सस्ता है।
जून 2023 के आरंभ में रूस के उत्पादक क्षेत्रों में करीब 156 लाख टन गेहूं का विशाल बकाया स्टॉक मौजूद था जो पिछले साल की समान अवधि के स्टॉक 97 लाख टन से काफी अधिक है।
दरअसल 30 जून को रूस में 2022-23 का मार्केटिंग सीजन समाप्त हो गया और 1 जुलाई से वहां 2023-24 का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो गया। शीघ्र ही वहां नए मार्केटिंग सीजन के गेहूं की फसल कटनी शुरू हो जाएगी और फिर नया माल आने लगेगा।
वस्तुत: पिछले साल की तुलना में इस बार वहां गेहूं का उत्पादन घटने की संभावना है लेकिन ऊंचे बकाया स्टॉक के कारण इसकी कुल उपलब्धता में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। चीन और भारत के बाद रूस दुनिया में गेहूं का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है जबकि इसके निर्यात में प्रथम स्थान पर है।