iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए तथा अधिक से अधिक उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने खरीफ कालीन तीनों प्रमुख दलहन फसलों- अरहर (तुवर), उड़द तथा मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोत्तरी कर दी है लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी हुई है कि मूंग को छोड़कर बाकी दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में अब तक गिरावट ही देखी जा रही है। पिछले सप्ताह तक महाराष्ट्र तथा कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में तुवर का क्षेत्रफल काफी पीछे चल रहा था।
उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 43.96 लाख हेक्टेयर से 11.34 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 32.62 लाख हेक्टेयर रहा।
इसके तहत खासकर अरहर का बिजाई क्षेत्र 15.06 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 6.01 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 7.06 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.99 लाख हेक्टेयर पर आ गया जबकि मूंग का रकबा 15.57 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 15.94 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
कुलथी का क्षेत्रफल 11 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष के बराबर ही थी जबकि अन्य दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 5.16 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.67 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
तुवर एवं उड़द का थोक मंडी भाव सरकारी समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है। इसे देखते हुए इसके उत्पादन क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही थी लेकिन दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों और महाराष्ट्र में मानसूनी वर्षा की भारी कमी के कारण इसके बिजाई क्षेत्र में काफी गिरावट आ गई है।
यदि आगामी समय में बारिश तथा बिजाई की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं आया तो देश को एक बार फिर अरहर के अभाव की गंभीर समस्या से जूझना पड़ सकता है।
हालांकि सरकारी प्रयासों से अभी तुवर एवं उड़द के दामों में तेजी पर ब्रेक लगा हुआ है और अगले महीने से अफ्रीकी तुवर की नई आवक शुरू होने की संभावना है जिससे कुछ समय के लिए इसके दाम में स्थिरता का माहौल बना रह सकता है लेकिन भविष्य में इसमें तेजी-मजबूती की धारणा बन सकती है।
घरेलू प्रभाग में स्टॉक कम है जबकि सितम्बर से त्यौहारी सीजन जोर पकड़ लेगा। इसके लिए सरकार को कुछ और ठोस उपाए करने होंगे क्योंकि तुवर की मांग एवं खपत में अच्छी बढ़ोत्तरी हो सकती है जबकि इसका नया स्वदेशी माल नवम्बर-दिसम्बर से आना शुरू हो सकता है।