iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक ने 2022-23 के रबी सीजन के दौरान काबुली चना का घरेलू उत्पादन 2021-22 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़कर 3.50 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
उसका कहना है कि रूस, तुर्की, कनाडा एवं मैक्सिको की भांति भारत भी काबुली चना का एक प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि यहां बाहर से इसका आयात भी किया जाता है।
हालांकि लगातर तीसरे साल भारत में इसकी औसत उपज दर घट गई लेकिन बिजाई क्षेत्र ज्यादा होने से कुल उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई। फसल की कटाई-तैयारी पहले ही समाप्त हो चुकी है।
समीक्षाधीन सीजन के दौरान देश से लगभग 1.00 लाख टन, काबुली चना का निर्यात होने का अनुमान लगाया गया है जो पिछले साल के बराबर ही है। लेकिन एक अन्य विश्लेषक का मानना है कि वास्तविक निर्यात 1.40 लाख टन तक पहुंच सकता है जिसमें मोटे (बड़े) दाने वाले माल की मात्रा 1.25 लाख टन रहने की उम्मीद है।
व्यापार विश्लेषक के मुताबिक विश्व स्तर पर 2023-24 सीजन के दौरान काबुली चना की कुल आपूर्ति 2022-23 सीजन की तुलना में करीब 7 प्रतिशत बढ़कर 19.30 लाख टन पर पहुंचने की संभावना है।
समझा जाता है कि मोटे दाने वाले काबुली चना की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति इस बार कुछ जटिल (टाईट) रहेगी क्योंकि एक तो मैक्सिको में इसकी फसल कमजोर है और दूसरे, अमरीका में किसानों ने इस मोटे (बड़े) दाने के बजाए छोटे दाने वाले काबुली चना की बिजाई पर विशेष ध्यान दिया है। मालूम हो कि मैक्सिको में अच्छी क्वालिटी के बड़े दाने वाले काबुली चना का उत्पादन होता है।
पाकिस्तान काबुली चना का एक प्रमुख आयातक देश है जो वैश्विक कारोबार के 20-25 प्रतिशत का आयात करता है। वहां वर्ष 2022 में इसका आयात घटकर 2.27 लाख टन पर सिमट गया जबकि वर्ष 2021 में 2.73 लाख टन तथा वर्ष 2020 में 3.83 लाख टन दर्ज किया गया था।
वहां खासकर रूस से इसके आयात में कमी आई। पाकिस्तान में रूस के काबुली चना का उपयोग अक्सर देसी चना के विकल्प के तौर पर किया जाता है लेकिन बैंकों ने रूसी दस्तावेजों की प्रोसेसिंग से इंकार कर दिया है।