iGrain India - नई दिल्ली । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में भारत से चावल का निर्यात बढ़कर 225 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2021-22 सीजन के शिपमेंट 220.30 लाख टन से 4.70 लाख टन ज्यादा है।
उस्डा की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2022-23 सीजन के दौरान 340 लाख टन के पिछले बकाया स्टॉक तथा 1360 लाख टन के उत्पादन के साथ चावल की कुल उपलब्धता 1700 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है जिसमें से 1125 लाख टन का घरेलू उपयोग एवं 225 लाख टन का निर्यात होगा और मार्केटिंग सीजन के अंत में 350 लाख टन चावल का अधिशेष स्टॉक बच जाएगा।
2023-24 सीजन के लिए उस्डा ने भारत में 1340 लाख टन चावल के उत्पादन का अनुमान लगाया है जबकि 350 लाख टन के बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता 1690 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
उस्डा के अनुसार इसमें से 1140 लाख टन चावल का घरेलू उपयोग तथा 230 लाख टन का निर्यात हो सकता है जबकि मार्केटिंग सीजन के अंत में 320 लाख टन का स्टॉक बच जाएगा। मालूम हो कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक एवं दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है।
यहां विदेशों से चावल का आयात नहीं होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि उस्डा ने इस बार भारत में अल नीनो के खतरे को नजरअंदाज करके सामान्य स्थिति वाला अनुमान लगाया है।
फिलहाल स्थिति सामान्य ही है। हालांकि धान का क्षेत्रफल गत वर्ष से कुछ पीछे है लेकिन बारिश की रफ्तार को देखते हुए आगामी समय में इसकी भरपाई हो जाने की उम्मीद है।
यदि अल नीनो का गंभीर खतरा नहीं हुआ तो चावल के उत्पादन में शायद कमी नहीं आएगी। घरेलू बाजार भाव ऊंचा होने से धान की खेती में किसान अच्छी दिलचस्पी दिखा सकते हैं।