iGrain India - राजकोट । वित्त वर्ष 2022-23 में एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भारतीय मूंगफली का निर्यात 2023-24 के वित्त वर्ष में भी बेहतर ढंग से आरंभ हुआ है। दरअसल दक्षिण-पूर्व एवं सुदूर-पूर्व एशिया में भारतीय मूंगफली की मांग पिछले कई महीनों से मजबूत बनी हुई है।
यह बाजार भारतीय मूंगफली के लिए सबसे बड़ा है। समझा जाता है कि अर्जेन्टीना में फसल कमजोर होने से भारत के निर्यातकों को विदेशी बाजारों में आगे बढ़ने में अच्छी सफलता मिल रही है जबकि घरेलू उत्पादन की स्थिति बेहतर रही है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-मई 2023 के दौरान विदेशी मुद्रा में मूंगफली की निर्यात आय 54 प्रतिशत बढ़कर 16.30 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई जबकि अप्रैल-मई 2022 में 10.60 करोड़ डॉलर रही थी।
इसी तरह भारतीय मुद्रा में मूंगफली की निर्यात आमदनी समीक्षाधीन अवधि के दौरान 813 करोड़ रुपए से 65 प्रतिशत बढ़कर 1338 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। मूंगफली की निर्यात मात्रा भी इस अवधि में 84,114 टन से 46 प्रतिशत बढ़कर 1.22 लाख टन पर पहुंची।
अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने भारत से मूंगफली का निर्यात 2021-22 के 7.50 लाख टन से एक लाख टन बढ़कर 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 8.50 लाख टन पहुंचने का अनुमान लगाया है।
दूसरी ओर अर्जेन्टीना से इसका निर्यात 8.25 लाख टन से घटकर 7.00 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना व्यक्त की है। इसका कारण वहां उत्पादन में काफी गिरावट आना है।
एपीडा के अनुसार भारत से मूंगफली का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के 62.927 करोड़ डॉलर से 32 प्रतिशत उछलकर वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में 83.16 करोड़ डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जबकि भारतीय मुद्रा में कुल निर्यात आय 4697 करोड़ रुपए से 43 प्रतिशत बढ़कर 6735 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
इतना ही नहीं बल्कि समीक्षाधीन अवधि में भारत से मूंगफली का कुल निर्यात भी 5.14 लाख टन से 30 प्रतिशत बढ़कर 6.68 लाख टन पर पहुंच गया। इंडोनेशिया इसका सबसे बड़ा खरीदार रहा।
इसके अलावा वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया तथा थाईलैंड सहित कई अन्य देशों में भी भारत से अच्छा निर्यात हुआ जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बांग्ला देश, ईरान, चीन, अफगानिस्तान, रूस एवं नेपाल आदि शामिल थे।