iGrain India - इंदौर । केरल तथा तमिलनाडु जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों के प्रमुख क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से हरी (छोटी) इलायची की फसल को फायदा हुआ है जिससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है बल्कि दाने की क्वालिटी भी बेहतर हो जाएगी।
अगले महीने यानी अगस्त से इसके नए माल की आवक जोर पकड़ने की संभावना है जबकि सितम्बर-अक्टूबर में तुड़ाई-तैयारी की गति काफी बढ़ जाएगी।
चूंकि इलायची का बाजार भाव कुल मिलाकर मजबूत बना हुआ है और निकट भविष्य में इसमें ज्यादा नरमी आने की संभावना नहीं है इसलिए उत्पादक अपना माल नीलामी केन्द्रों में उतारने से नहीं हिचकेंगे।
दरअसल इन दोनों राज्यों में मानसून-पूर्व की बारिश कम हुई थी इसलिए कुछ सटोरियों ने सूखे से फसल को भारी नुकसान होने की अफवाह फैलाकर बाजार में तेजी लाने का प्रयास किया था और इसमें उसे सफलता भी प्राप्त हुई थी। लेकिन बारिश होने के बाद तेजी पर काफी हद तक ब्रेक लग गया।
आपूर्ति का ऑफ सीजन होने से निलामी केन्द्रों में छोटी इलायची की आवक कम हो रही है लेकिन दो कारणों से उत्पादक अपना पुराना स्टॉक उतारने में रूचि दिखा रहे हैं।
एक तो घरेलू उत्पादन पहले से बेहतर होने की उम्मीद है और दूसरे, ग्वाटेमाला में इलायची का भारी-भरकम स्टॉक मौजूद है जिससे भारत से इसके निर्यात पर असर पड़ सकता है।
हल्दी की कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है क्योंकि एक तो इसके बिजाई क्षेत्र में 10-15 प्रतिशत गिरावट आने की संभावना है और दूसरे, वैश्विक निर्यात बाजार में इसकी मांग मजबूत बनी हुई है। इससे पिछले स्टॉक में कमी आएगी।