iGrain India - नई दिल्ली । भीषण महंगाई की मार झेल रहे आम उपभोक्ताओं को पहले दाल तथा सब्जियों के ऊंचे दाम ने परेशान किया और वह परेशानी खत्म होने से पहले मसाला बाजार की तेज गर्माहट ने उसका संकट और बढ़ा दिया।
सरसों तेल के दाम में भी कुछ मजबूती आई है जबकि चावल, आटा एवं चीनी का भाव पहले से ही ऊंचे स्तर पर स्थिर है। दालों के संवर्ग में खासकर तुवर दाल एवं उड़द दाल का दाम काफी ऊंचे स्तर पर है।
जीरा के दाम में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है। एक माह पूर्व इसका खुदरा मूल्य 600 रुपए प्रति किलो था जो अब 33 प्रतिशत उछलकर 800 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हल्दी, धनिया, लालमिर्च, कालीमिर्च तथा इलायची सहित अन्य प्रमुख मसालों के दाम में तेजी आने लगी है। पिछले 15-20 दिनों से मसालों की कीमतों में तेजी- मजबूती का माहौल बना हुआ है।
कश्मीरी चिली का दाम 500 रुपए प्रति किलो से उछलकर 800 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसी प्रकार सौंफ का दाम 180 रुपए से बढ़कर 320 रुपए प्रति किलो, अजवायन का भाव 160 रुपए से बढ़कर 225 रुपए प्रति किलो मगज तरबूज (मेलन सीड) का दाम 275 रुपए से करीब तीन गुना उछलकर 820 रुपए प्रति किलो हो गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कई कारणों से मसाला बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है। मौजूद मानसून सीजन का कुछ फसलों की बिजाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। इससे उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है।
उत्पादक क्षेत्रों में किसानों तथा स्टॉकिस्टों ने माल का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है जिससे बाजार में मांग एवं आपूर्ति के बीच भारी असंतुलन पैदा होने लगा है। इसके अलावा हल्दी जैसे मसालों में निर्यात मांग काफी मजबूत बनी हुई है।
जीरा का दाम पहले ही शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है और अगली नई फसल आने तक इसमें ज्यादा नरमी आने की संभावना नहीं है।
दालों, सब्जियों एवं मसालों के साथ-साथ अब सरसों तेल का दाम भी बढ़ने लगा है। पिछले 15-20 दिन के अंदर इसके मूल्य में 10-15 रुपए प्रति किलो की तेजी आ चुकी है जबकि आगे इसमें कुछ और वृद्धि होने की संभावना है।
सरकार सस्ते दाम पर चावल-गेहूं बेच रही है मगर बाजार भाव पर इसका कोई खास असर नहीं हो रहा है।