iGrain India - नई दिल्ली । ज्यादा से ज्यादा खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचे जाने वाले चावल के लिए नियत न्यूनतम आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) में कुछ कटौती की जा सकती है।
फिलहाल यह रिजर्व प्राइस 3100/3173 रुपए प्रति क्विंटल है लेकिन इस मूल्य पर चावल की खरीद करने वालों की संख्या नगण्य रही है। ओएमएसएस के तहत 5 जुलाई तथा 12 जुलाई को दो साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित हुई मगर इसमें चावल की खरीद बहुत कम की गई।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ओएमएसएस के अंतर्गत चावल के आधार मूल्य में कटौती के लिए जब भी नीति में संशोधन की आवश्यकता महसूस होगी तब इस पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि आरंभिक दो ई-साप्ताहिक नीलामी के दौरान केवल 460 टन चावल की बिक्री संभव हो सकी जबकि बिक्री के लिए करीब 4 लाख टन चावल का ऑफर दिया गया था। अगली ई-नीलामी या 19 जुलाई को होने वाली है।
अनेक व्यापारियों का कहना है कि खाद्य निगम द्वारा चावल की जिस किस्म का भाव 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है उसी श्रेणी के चावल का खुला बाजार मूल्य उससे नीचे चल रहा है।
करनाल (हरियाणा) के एक चावल व्यापारी का कहना है कि उसी दाम पर गुजरात मूंदड़ा बंदरगाह पर कच्चा (सफेद) चावल फिलहाल उपलब्ध है जो निर्यात उद्देश्य के लिए वहां लाया जाता है।
इसके अलावा खाद्य निगम के चावल में टूट का अंश करीब 25 प्रतिशत रहता है जिससे यह खरीदारों के लिए अनाकर्षक हो जाता है। ओएमएसएस के अंतर्गत खरीदारों द्वारा चावल की खरीद के लिए लगाई गई औसत बोली (बिड) 3110.07 रुपए प्रति क्विंटल रही जो रिजर्व मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल से कुछ ही ऊंची थी।