iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्वामित्व वाले केन्द्रीय पूल में 1 जुलाई 2023 को 253.49 लाख टन चावल तथा 301.45 लाख टन गेहूं के साथ कुल 554.94 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था।
इसके अलावा करीब 233 लाख टन धान तथा 4.43 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक भी उपलब्ध था। इससे पूर्व 1 जून 2023 को केन्द्रीय पूल में कुल 576.11 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक उपस्थित था जिसमें 262.23 लाख टन चावल तथा 313.88 लाख टन गेहूं की मात्रा शामिल थी।
जून की तुलना में जुलाई की शुरुआत पर चावल तथा गेहूं- दोनों के स्टॉक में कमी आई मगर धान का स्टॉक 226.85 लाख टन से बढ़कर 233 लाख टन पर पहुंच गया। मोटे अनाजों का स्टॉक भी कुछ बढ़ गया।
ध्यान देने की बात है कि वर्ष 2022 में जुलाई माह के आरंभ में सरकार के पास कुल 602.17 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक उपलब्ध था जिसमें 317.07 लाख टन चावल तथा 285.10 लाख टन गेहूं का स्टॉक शामिल था।
इसके अलावा वहां 231.51 लाख टन धान एवं 3.96 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक भी मौजूद था। इस तरह जुलाई 2022 की तुलना में जुलाई 2023 के आरंभ में चावल का स्टॉक काफी घट गया मगर गेहूं के स्टॉक में कुछ बढ़ोत्तरी हो गई।
इसका कारण यह है कि पिछले साल रबी मार्केटिंग सीजन में सिर्फ 188 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जो चालू वर्ष के दौरान बढ़कर 262 लाख टन के करीब पहुंच गई। लेकिन चावल की खरीद अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंच सकी।
विभिन्न सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए फिलहाल केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है लेकिन आगे संकट कुछ बढ़ सकता है। खरीफ कालीन धान का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है जबकि आगे अल नीनो का खतरा भी है।
चावल तथा गेहूं का स्टॉक अभी संतुलित माना जा सकता है। सरकार इससे भली भांति अवगत है इसलिए उसने राज्यों को चावल बेचना बंद कर दिया है और जिन राज्यों में गेहूं के कोटे में कटौती की गई थी उसे भी सामान्य स्तर पर लाने की योजना अभी स्थगित कर दी है।