iGrain India - कैनबरा । 26-27 जुलाई 2023 को मेलबर्न शहर में 'ऑस्ट्रेलिया ग्रेन इंडस्ट्री कांफ्रेंस (एजिका) का आयोजन होने जा रहा है जिसमें भारत पर एक विशेष सत्र रखा गया है।
इसके तहत भारत में ऑस्ट्रेलिया मसूर की मांग के परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। हाल ही में वहां कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है जिससे मसूर की फसल को खासकर साउथ ऑस्ट्रेलिया एवं विक्टोरिया प्रान्त में काफी फायदा हुआ है।
इसे देखते हुए अब ऑस्ट्रेलिया में 2023-24 सीजन के दौरान मसूर का कुल उत्पादन बढ़कर 10 लाख टन से ऊपर पहुंच जाने की उम्मीद की जा रही है जबकि पहले 9 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था।
वैसे अल नीनो की संभावना अब भी बनी हुई है। इसलिए फसल की वास्तविक तस्वीर आगामी महीनों में ही स्पष्ट हो पायेगी। तब तक वर्षा की स्थिति पर नजर केन्द्रित रहेगी।
ऑस्ट्रेलिया से मई 2023 में कुल मिलाकर 2,64,762 टन मसूर का रिकॉर्ड निर्यात हुआ जिसमें से करीब 1.10 लाख टन का शिपमेंट भारत को किया गया। इस तरह भारत इसका सबसे प्रमुख खरीदार रहा।
इसके अलावा तुर्की को 51 हजार टन तथा नेपाल को 28 हजार टन मसूर का निर्यात किया गया। निप्पर मसूर का भाव वहां 870-875 डॉलर प्रति टन चल रहा है। आगे इसका भाव निर्यात प्रदर्शन एवं फसल की हालत पर निर्भर रहेगा।
कुछ समय पूर्व ऑस्ट्रेलिया के कृषि मंत्री के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) ने कहा था कि उसकी इच्छा है कि वह पल्स ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से क्वींसलैंड प्रान्त में अरहर (तुवर) की खेती आरंभ करे।
वहां उत्पादित तुवर का भारत द्वारा आयात किया जाएगा ताकि यहां उत्पादन में आने वाली कमी को पूरा किया जा सके। ऑस्ट्रेलिया में इसका उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। ज्ञात हो कि भारत दुनिया में मसूर का सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है।