iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में अरहर (तुवर) एवं उड़द की आपूर्ति एवं उपलब्धता कम होने तथा कीमत काफी ऊंचे स्तर पर रहने के कारण विदेशों से इसका आयात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान दलहनों के आयात खर्च में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हो गई।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2023 के दौरान भारत में दलहनों का आयात खर्च बढ़कर 4117.63 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जो वर्ष 2022 के इन्हीं महीनों के आयात खर्च 1725.93 करोड़ रुपए से 139 प्रतिशत अधिक रहा।
इसी तरह विदेशी मुद्रा में समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहनों का आयात खर्च 23.399 करोड़ डॉलर से 123.64 प्रतिशत उछलकर 50.094 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। ध्यान देने वाली बात है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही आधा अरब डॉलर मूल्य के दलहनों का आयात हो गया।
जून 2023 में तो आयात खर्च में तीन गुणा इजाफा हो गया।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में मानसून की वर्षा का अभाव होने से खरीफ कालीन दलहन फसलों की बिजाई प्रभावित होने की आशंका से आयात को बल मिला। उधर म्यांमार में तुवर एवं उड़द के निर्यात ऑफर मूल्य में बढ़ोत्तरी हो गई।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जून 2022 में दलहनों के आयात पर करीब 564 करोड़ रुपए का खर्च बैठा था जो जून 2023 में 218 प्रतिशत उछलकर 1793 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसी तरह विदेशी मुद्रा में दलहनों पर आयात खर्च 7.225 करोड़ डॉलर से 201 प्रतिशत बढ़कर 21.815 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
दलहनों की आयात मात्रा में भी भारी बढ़ोत्तरी हो गई। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान अरहर (तुवर) का आयात 76,806 टन से उछलकर 1.46 लाख टन पर पहुंच गया। आई ग्रेन इंडिया (एग्री कॉमोडिटी रिसर्च फर्म) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि में उड़द का आयात भी 76,355 टन से बढ़कर 1.007 लाख टन पर पहुंचा।
आई ग्रेन इंडिया के अनुसार म्यांमार से उड़द का निर्यात बढ़ रहा है क्योंकि वहां इसकी अच्छी मात्रा में स्टॉक मौजूद है। जनवरी से इसके शिपमेंट की गति धीमी चल रही थी। वर्तमान समय में म्यांमार में करीब 50 हजार टन तुवर एवं 4.00-4.50 लाख टन उड़द का स्टॉक मौजूद है। अब वहां भाव कुछ नरम पड़ गया है इसलिए जुलाई में भी आयात बढ़ने की उम्मीद है।