iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से गैर बासमती संवर्ग के सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की घोषणा की है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा आज यानी 20 जुलाई 2023 को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि आईटीसी (NS:ITC) एच एस कोड 1006 3090 के तहत आने वाले गैर बासमती संवर्ग के सफेद चावल (सेमी मिल्ड या सम्पूर्ण मिल्ड चावल : चाहे वह पॉलिशदार या चमक वाला हो या ना हो : अन्य) का निर्यात अभी तक मुक्त श्रेणी में था जिसे आज से प्रतिबंधित 'सूची में डाल दिया गया है।
लेकिन कुछ शर्तों के आधार पर इस चावल के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
1. यदि इस अधिसूचना के पूर्व जहाज पर गैर बासमती चावल की लोडिंग आरंभ हो गई है तो उसका शिपमेंट किया जा सकता है।
2. यदि इस अधिसूचना के जारी होने से पहले शिपिंग बिल भरा गया हो और जहाज पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर आ चुका हो, उसे बर्थ मिल चुका हो या वह लंगर डाल चुका हो और उसे रोटेशन नम्बर आवंटित कर दिया गया हो। ऐसे जहाजों में चावल की लोडिंग की स्वीकृति सम्बन्धित बन्दरगाह अधिकारियों द्वारा अभिपुष्टि करने के बाद ही दी जाएगी।
3. इस अधिसूचना से पूर्व यदि गैर बासमती चावल की खेप को कस्टम विभाग को सुपुर्द किया गया हो और उनके 'सिस्टम' में वह रजिस्टर्ड हो चुका हो या अगर इस अधिसूचना से पूर्व निर्यात उद्देश्य वाले गैर बासमती चावल की खेप कस्टम्स स्टेशन में पहुंच चुकी हो और उस कस्टम्स स्टेशन के संबंधित कस्टोडियन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पंजीकृत हो चुका हो।
4. इसके अलावा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए और उन देशों की सरकारों द्वारा किए जाने वाले अनुरोध के आधार पर भारत सरकार द्वारा प्रदत्त अनुमति के आधार पर चावल निर्यात की स्वीकृति होगी।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने सितम्बर 2022 में 100 प्रतिशत टूटे चावल के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था और गैर बासमती संवर्ग के सफेद (कच्चे) तथा स्टीम चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू किया था लेकिन अब सफेद चावल के निर्यात पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इससे घरेलू बाजार में इसका भाव कुछ नीचे आने की संभावना है। सरकार का उद्देश्य भी यही है।