iGrain India - कीव । रूस के रक्षा मंत्रालय ने पिछले दिन एक बयान जारी करके कहा था कि यूक्रेन के साथ अनाज निर्यात करार समाप्त होने के बाद अब यूक्रेनी बंदरगाह से आने-जाने वाले जहाजों को सैन्य साजो सामान वाला जहाज माना जाएगा और तदनुरूप उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
इसके जवाब में यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने भी सख्त प्रतिवाद के साथ इसी तरह का बयान जारी किया है जिससे रूस के बंदरगाहों से जाने-वाले जहाजों के खिलाफ उसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
यूक्रेन रक्षा मंत्रालय के अनुसार काला सागर क्षेत्र में रूस की ओर तथा रूस द्वारा अधिकृत यूक्रेन के परिक्षेत्र में अवस्थित बंदरगाहों की तरफ जान वाले सभी जहाजों को मिलिट्री कार्गो का संवाहक माना जाएगा और उसके साथ पूरी जोखिम हो सकती है।
इसके साथ-साथ रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि काला सागर के पूर्वोत्तर भाग तथा यूक्रेन के केर्च- येनिकल जलडमरूमध्य में नौवहन 20 जुलाई से प्रतिबंधित रहेगा क्योंकि इसे खतरनाक माना गया है।
यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है कि यूक्रेनी बंदरगाह से खाद्यान्न लादकर जाने वाले सिविलियन जहाजों को खुली धमकी देकर, शांत तथा तटस्थ शहरों में नागरिक बुनियादी ढांचे पर मिसाइल एवं ड्रोन से हमला करके तथा व्यापारिक मार्ग पर सैन्य खतरे का निर्माण करके रूस ने काला सागर क्षेत्र को काफी खतरनाक बना दिया है। इन सभी खतरों एवं जोखिमों की पूरी जिम्मेदारी रूसी नेतृत्व की है।
लेकिन रूस पर यूक्रेन के इस प्रतिवाद का कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। तीसरे दिन भी यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर रूस का हमला जारी रहा जिससे वहां बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।
मालूम हो कि ओडेसा यूक्रेन में गहरे पानी का सबसे प्रमुख बंदरगाह माना जाता है। यहां विध्वंश होने का मतलब यह है कि निकट भविष्य में वहां जहाजों की आवाजाही ठप्प पड़ जाएगी।
यूक्रेन से कृषि उत्पादों का निर्यात लगभग बंद हो चुका है। 17 जुलाई को इसी ओडेसा बंदरगाह से अंतिम जहाज रवाना हुआ था जिस पर अनाज मौजूद था।