iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन की दो महत्वपूर्ण दलहन- अरहर (तुवर) एवं उड़द की बिजाई में साप्ताहिक आधार पर अच्छी प्रगति हुई है लेकिन फिर भी कुल रकबा गत वर्ष से पीछे है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार तुवर का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 27.81 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 20.32 लाख हेक्टेयर रह गया है।
इसके तहत इसका बिजाई क्षेत्र महाराष्ट्र में 9.10 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.29 लाख हेक्टेयर तथा कर्नाटक में 10 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 6.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। इसके अलावा तुवर का क्षेत्रफल आंध्र प्रदेश में 15 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 10 हजार हेक्टेयर, गुजरात में 87 हजार हेक्टेयर से गिरकर 69 हजार हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 2.68 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.00 लाख हेक्टेयर पर आ गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में 1.38 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.44 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 4 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 7 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
देश के अन्य राज्यों में तुवर का रकबा पिछले साल के 3.59 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 21 जुलाई तक 2.13 लाख हेक्टेयर पर आ गया।
उड़द की बिजाई में कम गिरावट आई है। इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 20.64 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 19.73 लाख हेक्टेयर रह गया।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान उड़द का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 10.69 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.94 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 3.22 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.33 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 2.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.04 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसी तरह गुजरात में तुवर का रकबा 14 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 26 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा जबकि देश के अन्य राज्यों में इसका बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 4.19 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 2.16 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। मध्य प्रदेश उड़द का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है।
वहां पहले बिजाई पिछड़ रही थी लेकिन अब गत वर्ष से आगे हो गई है। लेकिन कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में तुवर की खेती के प्रति चिंता अब भी बरकरार है।