iGrain India - नई दिल्ली । तुवर एवं उड़द की बिजाई कम होने से खरीफ कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र चालू खरीफ सीजन में 21 जुलाई तक घटकर 56.67 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 67.59 लाख हेक्टेयर से 10.92 लाख हेक्टेयर कम है।
इसके तहत समीक्षाधीन अवधि के दौरान तुवर का क्षेत्रफल 27.81 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 20.33 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 20.64 लाख हेक्टेयर से घटकर 19.74 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया लेकिन दूसरी ओर मूंग का उत्पादन क्षेत्र 20.86 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.60 लाख हेक्टेयर तथा कुलथी का रकबा 14 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 18 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।
खरीफ सीजन के अन्य दलहनों का क्षेत्रफल गत वर्ष के 8.11 लाख हेक्टेयर से गिरकर इस बार 7.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। दलहन फसलों की बिजाई अभी जारी है।
तुवर के उत्पादन क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में आई है जो इसका सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। मानसून की वर्षा कम एवं देर से होने के कारण वहां किसानों को तुवर की खेती करने में ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी।
जहां तक मूंग का सवाल है तो राजस्थान में इसकी शानदार बिजाई हुई है। वहां इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 12.78 लाख हेक्टेयर से 5.31 लाख हेक्टेयर उछलकर इस बार 18.09 लाख हेक्टेयर की ऊंचाई पर पहुंच गया है लेकिन कर्नाटक में इसका रकबा 3.59 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.46 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 2.09 लाख हेक्टेयर से गिरकर 92 हजार हेक्टेयर रह गया।
मध्य प्रदेश में मूंग का रकबा 1.11 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल के बराबर ही है। तमिलनाडु में भी 5-6 हजार हेक्टेयर पर रकबा स्थिर है जबकि अन्य प्रांतों में मूंग का उत्पादन क्षेत्र 1.23 लाख हेक्टेयर से घटकर 96 हजार हेक्टेयर रह गया।
राजस्थान खरीफ कालीन मूंग का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। वहां इस बार बहुत अच्छी बारिश सही समय पर होने से अन्य खरीफ फसलों के साथ-साथ मूंग के उत्पादन क्षेत्र में भी शानदार बढ़ोत्तरी हुई है और कुल मिलाकर फसल की हालत बेहतर बताई जा रही है।