iGrain India - बैंकॉक । भारत सरकार द्वारा गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा किए जाने के बाद थाईलैंड एवं वियतनाम ने अपने चावल का निर्यात मूल्य बढ़ा दिया है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक अगले सप्ताह इसमें 50 डॉलर प्रति टन तक की वृद्धि हो सकती है जबकि एक माह में इस चावल का दाम उछलकर 700 डॉलर प्रति टन तक पहुंच जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
पिछले दिन थाईलैंड और वियतनाम में चावल का भाव 5-10 डॉलर प्रति टन बढ़ा। ध्यान देने की बात है कि भारत से निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद आयातक देश काफी चिंतित हैं और अभी इंतजार 'करो और देखो' की नीति अपना रहे हैं लेकिन थाईलैंड और वियतनाम के निर्यातकों को पता है कि देर-सवेर इन आयातकों को चावल खरीदने के लिए बाजार में उतरना ही पड़ेगा।
उन्हें यह भी लगता है कि भारत सरकार निकट भविष्य में सफेद चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देगी। वैसे खरीफ कालीन धान का क्षेत्रफल बढ़ने लगा है लेकिन अल नीनो के आगमन एवं प्रभाव का आंकलन करने के बाद ही चावल निर्यात के सम्बन्ध में कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
दिल्ली के एक निर्यातक का कहना है कि भारत के इन दोनों प्रतिद्वंदी देशों में अगले सप्ताह मार्केट खुलने के बाद चावल के दाम में कम से कम 10 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।
थाईलैंड और वियतनाम पहले से ही चावल का भाव बढ़ाने के लिए तैयार बैठे थे मगर भारत के सस्ते चावल की प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के कारण उसे दाम बढ़ाने में ज्यादा सफलता नहीं मिल रही थी।
थाईलैंड में 21 जुलाई को 5 प्रतिशत, 25 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात मूल्य 5-6 डॉलर प्रति टन बढ़ गया। उधर वियतनाम में सभी ग्रेड के सफेद चावल का निर्यात मूल्य बढ़कर 515 डॉलर प्रति टन से ऊपर, पाकिस्तान में 500 डॉलर से ऊपर तथा म्यांमार में 500 डॉलर प्रति टन से ऊपर पहुंच गया है।