iGrain India - राजकोट । गुजरात के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में हो रही लगातार मूसलाधार वर्षा से खेतों में पानी भर गया है और कई क्षेत्रों में बाढ़ भी आ गई है जिससे मूंगफली की फसल को काफी नुकसान होने की आशंका है।
गुजरात में मध्य जून में बिपरजॉय तूफान के साथ वर्षा का दौर शुरू हुआ और फिर दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश होने लगी। इससे किसानों को खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने का अवसर मिल गया और वहां कई फसलों के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हो गई जिसमें मूंगफली भी शामिल है।
लेकिन मूसलाधार बारिश एवं स्थानीय स्तर की बाढ़ का प्रकोप जूनागढ़, जामनगर, राजकोट, नवसारी तथा सुरेन्द्र नगर सहित कई अन्य जिलों में गंभीर बना हुआ है। वर्षा और बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों में मूंगफली के खेत जल मग्न हो गए हैं।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू खरीफ सीजन में अब तक गुजरात में मूंगफली का कुल क्षेत्रफल 15.84 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जिसमें से 12.53 लाख हेक्टेयर का रकबा सिर्फ सौराष्ट्र संभाग में है।
ज्ञात हो कि गुजरात देश में मूंगफली का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है और वहां से भारी मात्रा में मूंगफली तथा उसके तेल का निर्यात भी किया जाता है।
गुजरात राज्य खाद्य तेल एवं तिलहन संघ के अनुसार इस बार प्राकृतिक आपदाओं से मूंगफली की फसल बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है जिससे उत्पादन में गिरावट आएगी। जिन इलाकों में फसल बर्बाद हुई है वहां इसकी दोबारा बिजाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हुए आवश्यक सहायता दी जानी चाहिए।
इसके तहत खासकर सरकार द्वारा किसानों को रियायती मूल्य पर मूंगफली का बीज उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता है। यदि दोबारा बिजाई हुई तो मूंगफली का उत्पादन ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। सौराष्ट्र संभाग के जूनागढ़, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, द्वारका एवं भाव नगर सहित अन्य जिलों में अत्यन्त मूसलाधार बारिश हुई है और आगे भी होने की संभावना है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सौराष्ट्र संभाग में अब तक मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र राजकोट में 2.26 लाख हेक्टेयर, द्वारका में 2.00 लाख हेक्टेयर, जूनागढ़ में 1.92 लाख हेक्टेयर तथा अमरेली में 1.50 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है।