iGrain India - मुम्बई । चालू माह (जुलाई) के दौरान देश में खाद्य तेलों का आयात तेजी से उछलकर 18.60 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान उद्योग- व्यापार समीक्षकों द्वारा लगाया गया है जो सामान्य स्तर से करीब 60 प्रतिशत अधिक है।
रिफाइनर्स ने स्टॉक बनाने के लिए इसकी भारी खरीद की थी क्योंकि एक तो त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है और दूसरे, यूक्रेन से सुजरमुखी तेल के निर्यात में अनिश्चितता बनी हुई है।
विश्लेषकों के मुताबिक भारत में रिकॉर्ड आयात होने से मलेशिया एवं इंडोनेशिया को पाम तेल का स्टॉक घटाने में सहायता मिलेगी और क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के बेंचमार्क वायदा मूल्य में सुधार आने की संभावना रहेगी जो अभी पिछले साढ़े चार माह के ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि भारत में वनस्पति तेलों के विशाल आयात से सोया तेल का वायदा भाव सुधर सकता है जबकि रूस-यूक्रेन को सूरजमुखी तेल का स्टॉक घटाने में सहायता मिल सकती है।
डीलर्स एवं कार्गो सर्वेयर्स के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू माह के शुरूआती 24 दिनों में विभिन्न भारतीय बंदरगाहों से लगभग 15 लाख टन खाद्य तेलों के स्टॉक को डिस्चार्ज किया गया जबकि शेष 7 दिनों में करीब 3.86 लाख टन खाद्य तेल को क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद है।
2021-22 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में प्रतिमाह औसतन 11.70 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ। जून 2023 में देश के अंदर लगभग 13 लाख टन खाद्य तेल मंगाया गया।
आयातक अपने पास अच्छी मात्रा में खाद्य तेल का स्टॉक रखना चाहते हैं ताकि आगामी महीनों में उन्हें कोई कठिनाई न हो। यूक्रेन का संकट वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों का भाव पुनः बढ़ा सकता है।
ज्ञात हो कि सूरजमुखी तेल के वैश्विक निर्यात में काला सागर क्षेत्र की भागीदारी 76 प्रतिशत की रहती है। जुलाई में पाम तेल के साथ-साथ सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल के आयात में भी इजाफा हुआ।