iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को 2022-23 के वर्तमान एथनॉल मार्केटिंग सीजन (दिसम्बर-नवम्बर) में 10 जुलाई 2023 तक एथनॉल निर्माण के लिए अधिशेष चावल की बिक्री से 1610 करोड़ रुपए की आमदनी प्राप्त हुई।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्यमंत्री का कहना है कि खाद्य निगम द्वारा इस अवधि के दौरान एथनॉल निर्माण हेतु 13.05 लाख टन अधिशेष (सरप्लस) चावल बेचा गया। बिहार डिस्टीलरीज एंड बोटलर्स नामक कम्पनी इस चावल की खरीद में सबसे आगे रही।
उसने खाद्य निगम से 1 दिसम्बर 2022 से 10 जुलाई 2023 के दौरान 1.53 लाख टन चावल खरीदा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 2021-22 के मार्केटिंग सीजन की समान अवधि में चंडीगढ़ डिस्टीलर्स एंड बोटलर्स कम्पनी द्वारा सबसे अधिक 1.67 लाख टन चावल खरीदा गया था।
ध्यान देने की बात है कि एथनॉल उत्पादन में उपयोग के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा केन्द्रीय पूल से डिस्टीलर्स को चावल आपूर्ति की प्रक्रिया 2020-21 में आरंभ की गई थी।
खाद्य राज्य मंत्री के अनुसार धान-चावल की खरीद न केवल घरेलू उत्पादन पर बल्कि कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। इसमें विपणन योग्य अधिशेष स्टॉक, न्यूनतम समर्थन मूल्य, बाजार में प्रचलित भाव, मांग एवं आपूर्ति की स्थिति तथा प्राइवेट व्यापारियों की सक्रियता आदि कारक शामिल हैं।
फिलहाल खाद्य निगम ने एथनॉल निर्माताओं को चावल बेचना बंद कर दिया है क्योंकि उसे शिकायत मिली थी कि उससे सस्ता चावल खरीदकर कुछ डिस्टीलरीज खुले बाजार में ऊंचे दाम पर उसकी बिक्री कर रही है।
इस शिकायत की आंतरिक जांच-पड़ताल शुरू हो गई है और अंतिम परिणाम आने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।