iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । दक्षिण कोरिया के मौसम पूर्वानुमान केन्द्र ने भारत में वर्तमान मानसून सीजन के दौरान अगस्त माह में वर्षा सामान्य औसत से कम होने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा है कि सितम्बर में बारिश की स्थिति बेहतर रह सकती है।
पूर्वानुमान केन्द्र के अनुसार अगस्त माह के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले भाग, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, विदर्भ एवं पश्चिम बंगाल में सामान्य औसत से अधिक बारिश हो सकती है जबकि देश के अन्य भागों / राज्यों में वर्षा कम होने की संभावना है।
इसके साथ-साथ भारत के सुदूर दक्षिणी भाग में दक्षिणी तटीय तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों तथा जम्मू कश्मीर के कुछ इलाकों में भी अच्छी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। इससे खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि जुलाई के बाद अगस्त को दूसरा सर्वाधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है और इस माह में भी खरीफ फसलों की बिजाई जोर शोर से होती है।
उपरोक्त जिन राज्यों का जिक्र किया जाता है वहां जून-जुलाई के दौरान मानसून की बारिश अपेक्षाकृत कम हुई जिससे धान सहित अन्य खरीफ फसलों की बिजाई पिछड़ गई थी। लेकिन अगस्त की अच्छी वर्षा से क्षेत्रफल में सुधार आने के आसार हैं।
दूसरी ओर पश्चिमी, पश्चिमोत्तर एवं दक्षिणी राज्यों में वर्षा कम होने की संभावना है जहां जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हुई। वैसे दक्षिणी राज्यों में खासकर कर्नाटक की हालत खराब बनी हुई है।
अधिकांश वैश्विक मॉडल्स से ज्ञात होता है कि अगस्त में मानसून भारत में सुस्त या कमजोर रहेगा लेकिन जहां वर्षा होगी वहां इसकी तीव्रता ज्यादा रह सकती है।
कोरियाई मॉडल्स ने जिन जोखिमपूर्ण इलाकों की पहचान की है इसमें पश्चिमी तट, सम्पूर्ण प्रायद्वीपीय भारत, पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी प्रान्त सम्मिलित हैं।
इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात तथा उससे सटे पश्चिमी मध्य प्रदेश का इलाका भी शामिल हैं जहां सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। इससे इन क्षेत्रों में समस्या कुछ बढ़ सकती है।
सितम्बर में मानसून देश के अधिकांश इलाकों में अपनी सामान स्थिति में वापस लौट सकता है जिससे न केवल खरीफ फसलों को काफी राहत मिलेगी बल्कि आगामी रबी सीजन की फसलों की बिजाई के लिए भी परिस्थिति अनुकूल हो सकती है।