iGrain India - करनाल । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल- हरियाणा की सरकार ने राज्य के उन राइस मिलर्स को बोनस देने की घोषणा की है जिसने कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की आपूर्ति सरकारी एजेंसी को नियत समयावधि के अंदर कर दी है।
मोटे अनुमान के अनुसार हरियाणा में लगभग 95 प्रतिशत मिल मालिकों द्वारा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अब तक सीएमआर चावल ने डिलीवरी दी जा चुकी है जबकि 5 प्रतिशत मिलों से अभी पूरी आपूर्ति होनी बाकी है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में कस्टम मिलिंग चावल का निर्माण करने वाली इकाइयों की कुल संख्या 1350 है जिसमें से अकेले करनाल जिले में 305 मिलें अवस्थित हैं।
समझा जाता है कि चालू वर्ष के दौरान मौसम कुछ प्रतिकूल होने तथा कुछ समस्याओं के कारण कई चावल मिलों को सीएमआर की आपूर्ति सही समय पर करने में सफलता नहीं मिल सकी।
हरियाणा सरकार ने सही समय पर सीएमआर की डिलीवरी देने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए बोनस देने की घोषणा की है जो मिलिंग प्रभार से अलग होगा।
इसके लिए सरकार ने धनराशि स्वीकृति की है जो खाद्य विभाग के लिए 21, 98, 35, 910 रुपए, हैफेड के लिए 16, 38, 42, 045 रुपए तथा हरियाणा भंडारण निगम के लिए 9, 13, 77, 330 रुपए निर्धारित का गई है।
इस तरह इन तीनों एजेंसियों के लिए कुल मिलाकर 47, 50, 55, 345 रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सुपात्र चावल मिलर्स को यह बोनस मिलेगा।
31 मार्च 2023 तक सीएमआर की सम्पूर्ण डिलीवरी देने वाले मिलर्स को 15 रुपए प्रति क्विंटल तथा 30 अप्रैल 2023 तक आपूर्ति करने वाले मिलर्स को 5 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का निर्णय लिया गया है। इससे चावल मिल मालिकों को काफी राहत मिलेगी।