iGrain India - विजयवाड़ा । दक्षिण भारतीय राज्य- आंध्र प्रदेश में पहले मूंगफली की अच्छी खेती होती थी मगर पिछले कुछ वर्षों में इसके क्षेत्रफल में गिरावट का रुख देखा जा रहा है। बेहतर मांग और ऊंची कीमत के बावजूद इसकी खेती के प्रति किसानों का आकर्षण घटने लगा है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि आंध्र प्रदेश में 2016-17 सीजन के दौरान मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 10.13 लाख हेक्टेयर रहा था और उससे पहले भी इसका रकबा ऊंचा था लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट आने लगी।
इसका बिजाई क्षेत्र घटकर 2017-18 में 7.35 लाख हेक्टेयर पर आया। उसके बाद यह 2019-20 में गिरावट 6.60 लाख हेक्टेयर रह गया। हालांकि 2021-22 में वहां मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 8.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन इस बार अधिकांश किसान इसकी खेती में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
चालू वर्ष के दौरान वहां मूंगफली की बिजाई की स्थिति अच्छी नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने इस बार मूंगफली के उत्पादन क्षेत्र का लक्ष्य 7.30 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया है लेकिन अब तक लक्ष्य के केवल 75 प्रतिशत भाग में ही बिजाई संभव हो सकी है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आंध्र प्रदेश के रायल सीमा संभाग और खास कर अनंतपुर जिले में मानसून की बारिश अनियमित एवं अनिश्चित होने से किसान चिंतित हैं।
इस जिले में मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर होती है और रायल सीमा के अन्य जिलों में भी इसका अच्छा उत्पादन होता है। मानसून की वर्षा में अनिश्चितता के कारण वहां किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वहां इसकी औसत उपज दर एवं कुल पैदावार में भी पिछले पांच-छह वर्षों के दौरान जबरदस्त गिरावट आई है।