iGrain India - नई दिल्ली । मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2023 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल संचयी वर्षा दीर्घकालीन औसत के सापेक्ष 114 प्रतिशत हुई।
इससे संकेत मिलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के चार महीने (जून-सितम्बर) की अवधि के दौरान देश में सामान्य बारिश या दीर्घकालीन औसत की कम से कम 100 प्रतिशत वर्षा हो सकती है।
अगस्त माह के दौरान सामान्य औसत की तुलना में कुछ कम बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है जबकि सितम्बर में मानसून की सामान्य वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार यदि भविष्यवाणी सच साबित होती है तो इस वर्ष मानसून सामान्य रह सकता है। लेकिन अगस्त में मानसून के प्रदर्शन पर नजर रखना आवश्यक है क्योंकि यह जुलाई के बाद दूसरा सर्वाधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है।
मौसम विभाग के महानिदेशक का कहना है कि अगस्त माह के दौरान दीर्घकालीन औसत 254.9 मि०मी० की तुलना में 92 प्रतिशत या 234.5 मि०मी० वर्षा होने की संभावना है।
यदि यह अनुमान सही साबित होता है तो जुलाई-अगस्त में कुल वर्षा 701.61 मि०मी० हो सकती है। अगस्त-सितम्बर 2023 के दौरान दीर्घ कालीन औसत वर्षा 422.8 मि०मी० की तुलना में 94 से 99 प्रतिशत के बीच यानी 401.7 से 418.6 मि०मी० आंकी गई है।
जुलाई 2023 के दौरान कुल 315.9 मि०मी० वर्षा हुई जो दीर्घकालीन औसत 280.5 मि०मी० की 112.6 प्रतिशत रही। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य औसत के मुकाबले 100 प्रतिशत से अधिक बारिश होने की भविष्यवाणी की थी। इससे पूर्व जून में 91 प्रतिशत या 165.3 मि०मी० वर्षा दर्ज की गई थी।
जुलाई माह के दौरान देश के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में 32 प्रतिशत कम वर्षा हुआ जबकि जून में भी इसकी कमी 15 प्रतिशत रही थी। दूसरी ओर पश्चिमोत्तर भाग में जून में 47 प्रतिशत एवं जुलाई में 25 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
देश के मध्यवर्ती भाग में जून में 6 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी मगर जुलाई में 22 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। इसी तरह दक्षिणी प्रायद्वीप में जून में वर्षा की कमी 45 प्रतिशत रही थी मगर जुलाई में 44 प्रतिशत बढ़ गई।