iGrain India - जेद्दा। भारत सरकार द्वारा गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद भारतीय चावल की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की सूचना मिलने पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने देश से चावल के निर्यात एवं पुनर्निर्यात पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है जो चार माह तक प्रभावी रहेगा।
आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि घरेलू बाजार में पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि यूएई भारतीय खाद्यान्न के पुनर्निर्यात का एक प्रमुख केन्द्र है। वह भारत से चावल मंगाकर खाड़ी क्षेत्र अन्य देशों एवं उत्तरी अफ्रीका के देशों को उसका निर्यात करता है।
भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। वैश्विक निर्यात में इसकी भागीदारी 40 प्रतिशत से अधिक रहती है। यूएई में भारत से बासमती के साथ-साथ गैर बासमती चावल का भी बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है क्योंकि वहां रहने वाले तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश के लोग इस भारतीय गैर बासमती चावल को काफी पसंद करते हैं।
इसमें सोना मसूरी चावल सबसे आगे है जिसका उत्पादन तेलंगाना में होता है। व्यापारियों के अनुसार सरकार के निर्णय से यूएई में चावल की आपूर्ति बरकरार रखने में सहायता मिलेगी।