iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्र सरकार ने 100 प्रतिशत टूटे चावल (ब्रोकन राइस) तथा चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन समझा जाता है कि बांग्ला देश में तस्करी (स्मगलिंग) के जरिए इन दोनों खाद्य उत्पादों को भारी मात्रा में पहुंचाया जा रहा है।
इसकी सूचना केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को मिली तो उसने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ सम्पर्क किया और बांग्ला देश के साथ लगी 4096 कि०मी० की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाने का आग्रह किया। अन्य सुरक्षा एजेंसियों तथा कस्टम अधिकारियों को भी निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि बांग्ला देश की सरकार ने भारत सरकार से 10 लाख टन चीनी भेजने का आग्रह किया था लेकिन केन्द्र सरकार ने इसे नामंजूर कर दिया। इसका कारण घरेलू प्रभाग में चीनी की उपलब्धता सीमित रहना बताया गया।
उल्लेखनीय है कि मार्च के बाद से अब तक चीनी का घरेलू एक्स फैक्ट्री भाव करीब 6.5 प्रतिशत बढ़ चुका है। वर्तमान समय में यह भाव उत्तर प्रदेश में 3600/3700 रुपए प्रति क्विंटल तथा महाराष्ट्र में 3470/3525 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
जहां तक टुकड़ी चावल का सवाल है तो भारत से इसके निर्यात पर सितम्बर 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन पड़ोसी देश में स्मगलिंग के जरिए यह भारी मात्रा में पहुंच रहा है।
भारत सरकार को आशंका है कि चीनी तथा टुकड़ी चावल की इस तस्करी से घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल हो सकती है और इसके दाम में इजाफा हो सकता है जिससे आम उपभोक्ताओं को कठिनाई होगी।
इस तस्करी को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और इसका प्रयास आरंभ कर दिया गया है।
एक उद्योग समीक्षक के अनुसार यदि स्मगलिंग की प्रक्रिया जारी रहती है तो अधिक से अधिक 3-4 लाख टन चीनी देश से बाजार जा सकती है। इससे घरेलू प्रभाग में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां खपत के लिए इसका पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।