iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री कृषि मंत्री एवं पशु पालन मंत्री को प्रेषित एक पत्र में डि ऑयल्ड राइस ब्रान के निर्यात पर लगे प्रतिबंध पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस निर्णय पर तुरंत पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है।
'सी' के अनुसार सरकार ने 30 नवम्बर 2023 तक राइस ब्रान डीओसी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे अनेक सम्बद्ध क्षेत्रों पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सरकार को तत्काल इस चीनी की पुनर्समीक्षा करनी चाहिए। या तो इस निर्णय को वापस लेना चाहिए अथवा यह आश्वासन देना चाहिए कि प्रतिबंध की अवधि को 30 नवम्बर 2023 से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
'सी' के मुताबिक सरकार ने दूध एवं दुग्ध उत्पादों के दाम में हो रही वृद्धि तथा चारा की ऊंची कीमतों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
लेकिन पशु आहार में राइस ब्रान की भागीदारी बढ़ने पर भी कीमतों में बमुश्किल 10 प्रतिशत की गिरावट आएगी और इसलिए दूध के उत्पादन खर्च में मामूली कमी ही आएगी। दूध का दाम भी 1 प्रतिशत से कम ही घट सकता है।
राइस ब्रान डीओसी के कुल उत्पादन के 10 प्रतिशत से भी कम भाग का निर्यात होता है जबकि इसके निर्यात पर रोक लगने से धान उत्पादकों पर असर पड़ेगा। अक्टूबर से नए धान की आवक शुरू हो जाएगी बंगाल सहित पूर्वी राज्यों में राइस ब्रान डीओसी का अच्छा उत्पादन होता है।