iGrain India - हनोई । वियतनाम के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस वर्ष देश से चावल का बेहतर निर्यात होने की उम्मीद है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के निर्यात पर अपने-अपने ढंग से प्रतिबंध लगा दिया है, रूस तथा यूक्रेन के बीच अनाज निर्यात नौवहन करार भंग हो गया है जबकि अल नीनो के संभावित प्रकोप से धान-चावल का उत्पादन कुछ देशों में प्रभावित होने की आशंका है।
इसके फलस्वरूप वैश्विक बाजार में खाद्यान्न का अभाव होने तथा दाम बढ़ने की संभावना है जिससे वियतनाम को चावल का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल सकता है।
चालू वर्ष के दौरान वियतनाम में धान का उत्पादन बढ़कर 430 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
कृषि मंत्रालय ने सरकार से चावल का अधिक से अधिक निर्यात करने की अनुमति देने की अपील की है और राज्य सरकारों को इसके लिए समुचित सुविधा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया है। इस बार वियतनाम की हालत काफी अच्छी बनी हुई है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार पिछले 10 दिनों के दौरान 5 प्रतिशत टूटे वियतनामी चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 10.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1 अगस्त 2023 को 588 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई पर पहुंच गया।
इसी तरह पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान शुरूआती सात महीनों (जनवरी-जुलाई) में चावल का निर्यात 30 प्रतिशत उछलकर 2.58 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि समूचे वर्ष के दौरान निर्यात आय बढ़कर 4.10 अरब डॉलर से भी ऊपर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में अवस्थित वियतनाम दुनिया में भारत और थाइलैंड के बाद चावल का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। चालू वर्ष के हालात को देखते हुए लगता है कि वह थाईलैंड को पीछे छोड़कर चावल निर्यात में दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है।
हालांकि भारत से टुकड़ी चावल तथा गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात प्रतिबंधित हो चुका है लेकिन गैर बासमती सेला चावल तथा प्रीमियम क्वालिटी के बासमती चावल का निर्यात जारी है और इसके सहारे भारत इस बार भी दुनिया में चावल का सबसे अग्रणी निर्यातक देश बना रहेगा।