iGrain India - कोटा । धनिया की कीमतों में धीरे-धीरे सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं जबकि आगे भी इसमें तेजी-मजबूती बरकरार रहने की संभावना है। राजस्थान की कोटा मंडी में धनिया का भाव जून में घटकर 5500/6500 रुपए प्रति क्विंटल के नीचले स्तर पर आ गया था क्योंकि तब तक इसके नए माल की अच्छी आपूर्ति हो रही थी।
लेकिन आवक का दबाव घटने के बाद इसका दाम सुधरकर अब 7000/7800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 में धनिया का थोक मूल्य उछलकर 13,000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा था जो पिछले सात साल का सबसे ऊंचा स्तर रहा था।
चालू वर्ष के दौरान बिजाई क्षेत्र एवं औसत उपज दर में वृद्धि होने से धनिया का उत्पादन संतोषजनक रहा और अब नए माल की आपूर्ति का पीक सीजन समाप्त हो चुका है।
निर्यात मांग में वृद्धि होने से धनिया की कीमत मजबूत हो रही है जबकि घरेलू मांग लगभग सामान्य बनी हुई है। पिछले दो-तीन महीने से इसका निर्यात प्रदर्शन बेहतर चल रहा है क्योंकि अन्य निर्यातक देशों के मुकाबले भारतीय धनिया का निर्यात ऑफर मूल्य काफी नीचे है।
उधर रूस से धनिया की आपूर्ति वैश्विक बाजार में ठप्प पड़ गई है और अगले कुछ सप्ताहों में वहां नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने के बाद ही इसका निर्यात जोर पकड़ सकेगा।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार जिन कारोबारियों को जीरा, मेथी, कलौंजी, सौंफ एवं ईसबगोल आदि के कारोबार से मोटा मुनाफा हासिल हुआ वे अब धनिया में निवेश करने लगे हैं।
इससे धनिया की खरीद-बिक्री में तेजी आई है और कीमत ऊपर चढ़ने लगी है। राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में धनिया का सर्वाधिक उत्पादन होता है।
ब्रांडेड मसाला कारोबारियों के साथ-साथ निर्माताओं को बाजार भाव में आने वाले उतार-चढ़ाव से कुछ कठिनाई हो रही है क्योंकि वे इसके दाम में साप्ताहिक या मासिक स्तर पर बदलाव नहीं कर सकते हैं। लेकिन ब्रांडेड मसालों का निर्यात कम और घरेलू उपयोग ज्यादा होता है।
धनिया की आपूर्ति कम होने तथा व्यापारियों- स्टॉकिस्टों द्वारा माल पकड़ने से कीमतों में आगे भी सुधार का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है लेकिन इसमें जीरा की भांति एकाएक भारी तेजी आना मुश्किल है।
अक्टूबर-नवम्बर में जब इसकी बिजाई होगी तब क्षेत्रफल एवं मौसम की स्थिति के आधार पर धनिया के दाम में उतार-चढ़ाव आ सकता है। मूल्य स्तर ऊंचा रहने पर जीरा की भांति धनिया के उत्पादन क्षेत्र में भी इजाफा हो सकता है।