iGrain India - नई दिल्ली । अक्टूबर 2023 से आरंभ होने वाले नए सीजन के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन घटकर 317 लाख टन पर सिमटने की संभावना है जो 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के अनुमानित उत्पादन 328 लाख टन से 11 लाख टन कम है।
शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की रिपोर्ट के अनुसार एथनॉल निर्माण में इस बार 41 लाख टन चीनी का इस्तेमाल होने की संभावना है जबकि अगले सीजन में इसकी मात्रा 45 लाख टन पर पहुंच सकती है।
महाराष्ट्र में एक बार फिर चीनी का उत्पादन घटने की आशंका व्यक्त की गई है जबकि वहां इसका उत्पादन 2021-22 के 137 लाख टन से लुढ़ककर 2022-23 में 105 लाख टन पर सिमट गया।
उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन की स्थिति कमोबेश सामान्य रहने की उम्मीद है। घरेलू उत्पादन में गिरावट आने पर देश से चीनी के निर्यात की संभावना क्षीण पड़ जाएगी।
अगले साल आम चुनाव होने वाला है इसलिए सरकार घरेलू प्रभाग में चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित रखने को विशेष प्राथमिकता दे सकती है। चीनी उत्पादन का यह इस्मा का आरंभिक अनुमान है।
उधर केन्द्र सरकार ने अभी तक प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के चीनी आयुक्तों की बैठक नहीं बुलाई है इसलिए गन्ना, चीनी तथा एथनॉल उत्पादन का सरकारी अनुमान सामने नहीं आया है।
मौसम विभाग ने अगस्त में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है इसलिए सरकार पूरी स्थिति का आंकलन-विश्लेषण करने के बाद सितम्बर में अपना अनुमान जारी कर सकती है।
कर्नाटक एवं तमिलनाडु में अभी गन्ना क्रशिंग का विशेष सत्र चल रहा है और इस्मा ने 2022-23 के सीजन में जो 328 लाख टन चीनी के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है उसमें इस स्पेशल सेशन का अनुमानित उत्पादन भी शामिल है।
गन्ना का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 59.07 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष इस वर्ष 59.81 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। तमिलनाडु में क्षेत्रफल 9 प्रतिशत घटने की संभावना है।