iGrain India - नई दिल्ली । जानकार सूत्रों का कहना है कि केन्द्र सरकार घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए रूस से सरकारी स्तर पर विशाल मात्रा में गेहूं के आयात की संभावना पर विचार कर रही है।
अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं का थोक बाजार भाव बढ़कर 2 अगस्त 2023 को 2633 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि में प्रचलित मूल्य 2480 रुपए प्रति क्विंटल से 6.2 प्रतिशत ऊंचा था।
हालांकि सरकार ने पिछले साल ही गेहूं एवं इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और इस वर्ष गेहूं पर भंडारण सीमा लागू की है जबकि केन्द्रीय पूल से भी इसका स्टॉक खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचा जा रहा है लेकिन फिर भी गेहूं की कीमतों में तेजी- मजबूती का रूख बरकरार है।
इससे सरकार की चिंता काफी बढ़ गई है। उसे लगता है कि जब जुलाई में भाव इतना ऊंचा चल रहा है तो नवम्बर-दिसम्बर में यह कहां पर पहुंचेगा। कहीं पिछले साल की पुनरावृत्ति न हो जाए।
चूंकि केन्द्रीय पूल में गेहूं का सीमित स्टॉक मौजूद है जबकि नई फसल अभी बहुत दूर है और बीच की अवधि में कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा और अगले वर्ष लोक सभा का चुनाव होने वाला है इसलिए सरकार को वैकल्पिक उपायों पर विचार करना पड़ रहा है।
जानकारों के अनुसार गेहूं के आयात की संभावना पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जा रहा है लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि रूस से सरकारी स्तर पर 90 लाख टन तक गेहूं के आयात की संभावना बन सकती है।
अभी बातचीत आरंभिक चरण में है और इसलिए सरकार का निर्णय किसी भी दिशा में पलट सकता है।
अखिल भारतीय स्तर पर अनाज एवं उत्पादों में खुदरा महंगाई दर जून में 16.3 प्रतिशत तथा अप्रैल-जून 2023 में 7.6 प्रतिशत रही जबकि पिछले साल की इस तिमाही में 10.7 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।
पिछले छह माह के दौरान गेहूं, चावल एवं मोटे अनाज में महंगाई दर दो अंकों में दर्ज की गई। हालांकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष गेहूं का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1127 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया है लेकिन उद्योग-व्यापार समीक्षकों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन 1010-1030 लाख टन के बीच हुआ।