iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसके हासिल होने में संदेह है। वर्तमान समय में 12 प्रतिशत का ही लक्ष्य प्राप्त हो सका है जबकि वर्ष 2024 में इसमें ज्यादा बढ़ोत्तरी होने की संभावना नहीं है।
हालांकि इस्मा ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान एथनॉल निर्माण में 45 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना के उपयोग का अनुमान लगाया है जो 2022-23 के संभावित उपयोग 41 लाख टन से 4 लाख टन ज्यादा है लेकिन इससे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकेगी।
जहां तक अनाज पर आधारित डिस्टीलरीज का सवाल है तो उसमें भी एथनॉल का उत्पादन उम्मीद के अनुरूप बढ़ना मुश्किल लगता है। सरकार ने उसे अपने स्टॉक से चावल देना बंद कर दिया है जिससे कई इकाइयों में काम ठप्प पड़ गया है। लक्ष्य बहुत बड़ा है जबकि संसाधन सीमित हैं।
इस्मा के मुताबिक 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (दिसम्बर-नवम्बर) के लिए चीनी मिलों द्वारा तेल विपणन कंपनियों से 400 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति का करार किया गया है।
यदि 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करना है तो न केवल डिस्टीलरीज की उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी बल्कि नई इकाइयां भी स्थापित करनी पड़ेगी सरकार ने एथनॉल का भाव तो बढ़ाया है मगर चीनी उद्योग इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।
वह इसमें और वृद्धि की मांग कर रहा है। सरकार अगले सीजन के लिए इसमें सीमित बढ़ोत्तरी कर सकती है। गन्ना जूस, बी तथा सी हैवी शीरा तथा सीरप आदि से बनने वाले एथनॉल का उत्पादन तेजी से बढ़ाने के लिए कुछ और ठोस उपाय करने की आवश्यकता पड़ेगी।