iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्वामित्व में 1923 वेयर हाउस (गोदाम) है जिसकी कुल खाद्यान्न भंडारण क्षमता 371.93 लाख टन की है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पूल के लिए खाद्य निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष खरीफ एवं रबी सीजन में अत्यन्त विशाल मात्रा में चावल तथा गेहूं की खरीद की जाती है और देश भर में फैले गोदामों में उसका भंडारण किया जाता है।
केन्द्रीय खाद्य राज्य मंत्री के मुताबिक एफसीआई द्वारा नियमित रूप से अनाज की भंडारण क्षमता का आंकलन किया जाता है और भंडारण अंतर की समीक्षा के आधार पर विभिन्न स्कीम के माध्यम से या तो नए गोदामों का निर्माण किया जाता है या उसे किराये पर लिया जाता है।
इन स्कीमों में प्राइवेट उद्यमी गारंटी स्कीम, सेंट्रल सेक्टर स्कीम तथा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) ढंग से सिलोज का निर्माण शामिल है। इसके अलावा केन्द्रीय भंडारण निगम / राज्य भंडारण निगम एवं प्रांतीय एजेंसियों से गोदाम किराए पर लिए जाते हैं।
साथ ही साथ निजी भंडारण योजना के तहत प्राइवेट पार्टियों से भी गोदामों को किराए पर लिया जाता है। खाद्य निगम के पास 147.46 लाख टन खाद्यान्न की भंडारण क्षमता का अपना गोदाम है जबकि 224.48 लाख टन की क्षमता का गोदाम किराए पर लिया गया है।
एफसीआई के पास बिहार में 10.62 लाख टन, झारखंड में 3.77 लाख टन, उड़ीसा में 5.81 लाख टन, बंगाल में 9.83 लाख टन तथा सिक्किम में 11,500 टन सहित पूर्वी जोन में कुल 30.14 लाख टन की भंडारण क्षमता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 8.26 लाख टन, उत्तरी जोन में 237.85 लाख टन, दक्षिणी क्षेत्र में 50.33 लाख टन तथा पश्चिमी जोन में 45.35 लाख टन खाद्यान्न की भंडारण क्षमता का गोदाम है।