iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि 2022-23 के मार्केटिंग सीजन के लिए चावल की आर्थिक लागत 3537 रुपए प्रति क्विंटल बैठती है और भारतीय खाद्य निगम ने ओएमएसएस के तहत बेचे जाने वाले अपने चावल का रिजर्व मूल्य 3124 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है लेकिन इसके बावजूद सरकारी चावल की खरीद में व्यापारी बहुत कम या नगण्य दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
2 अगस्त को हुई साप्ताहिक ई-नीलामी के लिए खाद्य निगम ने 1.40 लाख टन चावल की बिक्री के लिए इस वर्ष यह पांचवी सप्ताहिक ई-नीलामी थी। इससे पूर्व की नीलामियों में भी बहुत कम मात्रा में चावल की बिक्री हुई। इन पांच नीलामी में अब तक बल्क खरीदारों द्वारा महज 720 टन चावल खरीदा गया।
चालू सप्ताह के दौरान आयोजित नीलामी में चावल का औसत बिड मूल्य 3124 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो खाद्य निगम द्वारा नियत रिजर्व मूल्य के बराबर ही था।
इसका मतलब यह हुआ कि बहुत कम खरीदार ऐसे हैं जो रिजर्व मूल्य से ऊंचे दाम पर चावल खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।
शेष खरीदार रिजर्व मूल्य के आसपास की ही बोली (बिड) रख रहे हैं। व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि खरीदारों को वर्तमान रिजर्व मूल्य आकर्षक- लाभप्रद प्रतीत नहीं होता है और वे चाहते हैं कि खाद्य निगम इसमें कटौती करे। यदि बिक्री का यही स्तर आगे भी रहा तो सरकार को चावल के रिजर्व मूल्य की समीक्षा करनी पड़ सकती है।